सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सियासी पारा एक बार फिर सिर चढ़ता हुआ दिख रहा है। बीजेपी को हराने के लिए विरोधी एक साथ ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं। सपा और बसपा दोनों मिलकर बीजेपी का खेल बिगाडऩे के लिए सियासी दांव पेंच लगा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस अकेले ही यूपी में बीजेपी को रोकने का सपना देख रही है।
यूपी की राजनीतिक की बात जब भी होती है तो उसमें मुलायम सिंह का नाम सबसे ऊपर आता है। अखिलेश के चाचा भी दावा करते हैं मुलायम सिंह को उनका आर्शीवाद प्राप्त है लेकिन शिवपाल यादव ने प्रसपा का घोषणापत्र शुक्रवार को जारी किया लेकिन उसमें सपा संस्थापक मुलायम सिंह की फोटो गायब है।
इस बाबत जब उनसे पूछा गया कि मुलायम का फोटो क्यों नहीं है तो इस पर शिवपाल ने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि यह घोषणा पत्र प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का है। इतना ही नहीं अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी उतारने की बात इशारों में कर दी है।
मुलायम के असली उत्तराधिकारी को लेकर चाचा और भतीजे में रार
मुलायम के असली उत्तराधिकारी को लेकर चाचा-भतीजे में रार हो गई थी। शिवपाल यादव अपने भतीजे से खफा है कि उन्होंने सपा से किनारा कर अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन कर डाला। रोचक बात यह है कि शिवपाल यादव हमेशा मुलायम के साथ होने के बात कहते रहे हैं लेकिन मुलायम मौके के हिसाब से शिवपाल से किनारा भी कर लेते हैं।

सपा के घोषणा पत्र के 2 घंटे बाद प्रसपा ने भी मेनिफेस्टो जारी किया
लोकसभा चुनाव बेहद करीब है। ऐसे में सपा और बसपा ने शिवपाल यादव से कोई तालमेल न रखने का फैसला किया है। उसके बाद से शिवपाल यादव के सुर लगातार बगावती होते दिख रहे हैं। शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपना घोषणा पत्र जारी किया। इसके ठीक दो घंटे बाद शिवपाल यादव ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर डाला। शिवपाल यादव ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कुछ ऐसी घोषणा कि है जो शायद किसानों को रास आ सकती है।

इस मौके पर पहली बार मुलायम को लेकर शिवपाल यादव थोड़े उखड़े- उखड़े नजर आये। दरअसल मुलायम नेे भी कुछ दिनों से अपने भाई से किनारा करते हुए दिखाई दिये हैं। इसके बाद शिवपाल यादव के सुर शुक्रवार को बदले- बदले नजर आये। शायद इसलिए उन्होंने कहा कि मुलायम की तस्वीर घोषणा पत्र में इसलिए नहीं है क्योंकि यह प्रसपा का घोषणा पत्र है। रोचक बात यह है कि पार्टी कार्यालय में अब भी मुलायम की तस्वीर लगी हुई थी।

शिवपाल ने घोषणा पत्र के दौरान एक बात और साफ कर दी है कि उनकी पार्टी पूरे यूपी में चुनाव लड़ेगी लेकिन मुलायम की सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जायेगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ ही नहीं अन्य जगहों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। आजमगढ़ में अखिलेश के खिलाफ प्रसपा भी चुनावी ताल ठोंकती नजर आ सकती है। अगर ऐसा होता है तो अखिलेश के लिए नई परेशानी चाचा पैदा कर सकते है।
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