Wednesday - 10 January 2024 - 8:17 AM

लॉकडाउन पर क्‍या बोलीं सोनिया गांधी

न्‍यूज डेस्‍क

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की तैयारियों पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हमला बोला है। सोनिया ने अब 21 दिन के लॉकडाउन को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया। जबकि इससे पहले सोनिया खुद इस फैसले का समर्थन कर चुकी थीं। सोनिया ने अब कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक में सरकार पर हमला बोला है। सोनिया के साथ-साथ राहुल गांधी ने भी लॉकडाउन पर सवाल उठाए और हुई दिक्कतों का जिक्र किया।

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच गुरुवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। इस दौरान पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस को अभूतपूर्व स्वास्थ्य और मानवीय संकट बताते हुए कहा कि यह हमारे सामने डराने वाली चुनौती है, लेकिन इससे पार पाने का हमारा संकल्प अधिक बड़ा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खराब ढंग से लॉकडाउन लागू किए जाने की वजह से लाखों श्रमिकों को तकलीफ उठानी पड़ी है।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘कोविड-19 से लड़ने के लिए लगातार और विश्वनीय जांच का कोई विकल्प नहीं है। हमारे डॉक्टर्स, नर्स, हेल्थ वर्कर्स को सपॉर्ट की जरूरत है। उन्हें हजमैट सूट, एन-95 मास्क जैसे सभी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट युद्धस्तर पर उपलब्ध कराए जाएं।’ कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

लॉकडाउन से श्रमिकों और गरीब वर्ग को हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘लॉकडाउन आवश्यक हो सकता है लेकिन इसके अनियोजित क्रियान्वयन से लाखों प्रवासी श्रमिकों को परेशानी और तकलीफ उठानी पड़ रही है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण बने हालात से निपटने के लिए सरकार को एक विस्तृत रणनीति बनाना चाहिए थी।’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘हमारे देश में इस महामारी का सबसे अधिक दुष्प्रभाव गरीबों और वंचितों को उठाना पड़ेगा। हमें उनके लिए साथ आना चाहिए और इस मुश्किल घड़ी में उनके लिए हर संभव प्रयास करें।’ इस दौरान सभी नेताओं ने पार्टी चीफ के राय से सहमति जताते हुए गरीबों के मदद की बात कही।

गौरतलब है कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही शहरों से गांवों की ओर रवाना होगा। दिल्ली से बड़ी संख्या में मजदूरों ने यूपी और बिहार के लिए पलायन किया है।

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