क्राइम डेस्क
लखनऊ। सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में कानून का राज होने की बात कही थी। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश में गुंडाराज को खत्म किया जायेगा और चोरी-डकैती, हत्या व दुराचार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को सख्य निर्देश दिये थे लेकिन पिछले दो सालों में योगी राज में कुछ लोग कानून को ताक पर रखते दिख रहे हैं। पुलिस के लाख दावों की पोल खुलती तब दिखी जब मालखाने में जमा रकम से दस लाख रुपये गायब पाये गए।
पूरा मामला शुक्रवार की रात का बताया जा रहा है। दरअसल लोकसभा चुनाव की वजह से पूरे देश में अचार संहित लागू हो चुकी है। ऐसे में लखनऊ पुलिस अपनी मुस्तैदी को प्रमाणित करने के लिए संघन चेकिंग अभियान चला रही है। शुक्रवार को चुनावी चेकिंग अभियान के दौरान 70 लाख रुपये बरामद हुए।
इसके बाद पुलिस ने इसे राजधानी के हजरतगं कोतवाली के मालखाने में जमा कर दिया था। यहां तक तो सबकुछ ठीक था लेकिन जब मालखाने में रखी रकम का मिलान किया गया तो इसमें से 10 लाख रुपए कम मिले। इसके बाद पुलिस विभाग में हडक़ंप मच गया।
आनन-फानन में मालखाना के अर्दली अशोक कुमार यादव के खिलाफ देर रात मुकदमा दर्ज कर हिरासत में लिया और तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।
पुलिस सूत्रों की माने तो मुंशी अशोक कुमार यादव का लम्बे समय से मालखाना प्रभारी है और विवादों में घिरे रहेे हैं। सूत्रों की माने तो यह भारी भरकम रकम एक बार में नहीं बल्कि टुकड़ों-टुकड़ों में मालखाने से गायब की गई है। ऐसा लम्बे समय से चलने की भी आशंका जताई और बताया कि इससे पहले भी रायबरेली के ब्लॉक प्रमुख से बरामद हुए आठ लाख रूपयों को गायब कर मुंशी ने जमीन खरीद चुके थे।
ब्लॉक प्रमुख ने कोर्ट से रीलीज आर्डर लेकर हजरतगंज कोतवाली पहुंचे तो ब्लाक प्रमुख के जब्त किए हुए पैसे से जमीन खरीद चुके मुंशी जी ने शुक्रवार को जब्त किए हुए 70 लाख रूपए में से 10 लाख रुपये की दूसरी चोरी की और आठ लाख रूपए ब्लॉक प्रमुख को दिया। हिरासत में लिये जाने के बाद मुंशी अशोक कुमार के पास से डेढ़ लाख रुपए बरामद भी हुए है।
यूं तो राजधानी की पुलिस काफी हाईटेक और एक्टिव है अपराध पर उसकी पैनी नजर रहती है लेकिन आलाधिकारी फरमान जारी करते रहते हैं लेकिन समय-समय पर मालखानें का पर्यवेक्षण में घोर लापरवाही बर्तने का नतीजा है कि मालखाने के मुंशी इतने मनबढ़ हो चुके हैं कि मालखाने में रखी रकम को पार करने की हिम्मत जुटा रहे हैं।
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