जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली में अब हरिजन शब्द की जगह ‘डॉ आंबेडकर’ के इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है।
इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब से हरिजन बस्ती/मोहल्लों को डॉ. आंबेडकर बस्ती/मोहल्ला बुलाया जाएगा।

इससे पहले केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सरकार के सभी ऑफिस में डॉ. आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर लगाने का आदेश दिया था।
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एक अनुमान के अनुसार, दिल्ली में दलितों की आबादी करीब 16.75 प्रतिशत है। केजरीवाल के इस फैसले को होने वाले नगर निगम चुनाव से भी जोडक़र देखा जा रहा है।
इसके अलावा एक वजह यह भी है कि पंजाब में भी पार्टी को दलितों के एक बड़े तबके का साथ मिला है।
केजरीवाल के इस फैसले पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत केजरीवाल दलित वोटर्स को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी भारत के अन्य दूसरे हिस्सों में विस्तार की योजना पर काम कर रही है।
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वहीं इन दिनों जब भी अरविंद केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया के सामने आते हैं तो उनके पीछे एक तरफ भगत सिंह और दूसरी तरफ डॉ. आंबेडकर नजर आते हैं।
केजरीवाल लगातार आप को इन दो महापुरुषों के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी बता रहे हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी नेताओं को यह भी कहना है कि इन दिनों केजरीवाल का सिर्फ नीली शर्ट में दिखना भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
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