जुबिली न्यूज डेस्क
हिजाब विवाद पर सुनवाई पूरी होने के बाद आज कर्नाटक उच्च न्यायालय अपना फैसला सुना सकता है। इसीलिए राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस महानिदेशक ने राज्य पुलिस को चौकस रहने का आदेश दिया है।

मामले की संवेदनशीलत को देखते हुए एहतियात के तौर पर बेंगलुरू, मैसूर और बेलगावी में आज से एक सप्ताह के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। उडुपी में तो पहले से ही धारा 144 लागू है।
उडुपी, दक्षिण कन्नड़ा, शिवमोगा और कलबुर्गी में आज स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
क्या है विवाद?
इस विवाद की शुरुआत कर्नाटक में उस समय हुई थी जब उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर विमेन में 6 छात्राओं को हिजाब पहन कर आने से रोक दिया गया और छात्राओं ने कॉलेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।
जब इन छात्राओं की बात नहीं सुनी गई तो इन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। ये मामला तब और बढ़ गया जब उडुपी जिले के कॉलेज में लड़कियों के हिजाब के जवाब में कुछ छात्र भगवा शॉल पहन कर आने लगे।
इसके बाद लड़कियों ने भी भगवा शॉल पहन कर जुलुस की शक्ल में एक प्राइवेट कॉलेज में घुसने की कोशिश की। मामला तूल पकड़ता गया और राजनीतिक पार्टियां भी इस विवाद में कूद पड़ीं।
यह भी पढ़ें : यूपी में प्रियंका की असफलता को ढाल बना क्या बोले रावत ?
यह भी पढ़ें : अमेरिका बोला-किसी देश को नहीं करने देंगे रूस की मदद
यह भी पढ़ें : CWC की मीटिंग में हार पर मंथन लेकिन नये अध्यक्ष पर नहीं बनी बात

वहीं, कर्नाटक सरकार का कहना था कि स्कूल और कॉलेज में पहले से तय किया गया यूनिफॉर्म ही पहना जा सकता है।
कॉलेज ने लड़कियों को ये विकल्प भी दिया कि वो स्कूल आते और जाते समय वो हिजाब पहन सकती हैं लेकिन क्लास लेते हुए हिजाब उतारना होगा, लेकिन, छात्राओं का कहना है कि वो हिजाब पहनकर ही क्लास लेना चाहती हैं।
प्रदेश सरकार ने यूनिफॉर्म को लेकर आदेश भी जारी किया था जिसके अनुसार सरकारी शिक्षा संस्थानों की कॉलेज डेवलपमेंट कमेटियां यह फैसला ले सकती हैं कि यूनिफॉर्म कैसी होगी। निजी संस्थान यह फैसला कर सकते हैं कि कॉलेजों में यूनिफॉर्म जरूरी है या नहीं।
हिजाब पहनने से रोके जाने पर छात्राओं ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उनका कहना है कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है। लिहाजा उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता।
पहले इस मामले की हाईकोर्ट की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही थी लेकिन फिर इसे तीन सदस्यीय बेंच के पास भेज दिया गया।
इस बीच हिजाब विवाद का मामला उडुपी से निकलकर दूसरे स्कूलों तक भी पहुंच गया। यहां भी छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आने लगीं।
देश में कई जगहों पर स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन होने लगे। कर्नाटक में पथराव और तोडफ़ोड़ की घटनाएं भी हुईं।
विवाद बढ़ता देख सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई और स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दे दिए।
यह भी पढ़ें : रूस के 33 अरबपति कारोबारियों पर ऑस्ट्रेलिया ने लगाए प्रतिबंध
यह भी पढ़ें : कनाडा में 5 भारतीय छात्रों की मौत, विदेश मंत्री ने जताया शोक
यह भी पढ़ें : कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर केरल कांग्रेस के ट्वीट पर क्या बोले बीजेपी सांसद?

वहीं, सुनवाई के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब पहनने वाली छात्राओं की याचिकाओं पर अंतिम फैसला ना होने तक स्कूल-कॉलेज में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगा दी थी।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऋ तुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
इस मामले पर कई दिनों तक चली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं और सरकार का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
 Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
				
 
						
					 
						
					 
						
					 
						
					 
						
					