न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि, सरकार गिरने की खबरों का सीएम कमलनाथ ने एक सौ इक्कीस विधायकों के साथ बैठक कर जवाब दिया।
चुनावी हार को लेकर बुलाई गई बैठक में कांग्रेस, सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों ने एक सुर में कमलनाथ सरकार के साथ खड़े होने का भरोसा देकर तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया।
चुनावी हार के बाद फ्लोट टेस्ट को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई कांग्रेस ने रविवार को विधानसभा के बाहर बहुमत दिखाकर सरकार गिरने की अटकलों पर विराम लगा दिया।

बता दें कि चुनावी नतीजों के बाद बुलाई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कांग्रेस ने सभी एक सौ इक्कीस विधायकों का समर्थन हासिल होने का दावा किया, जिन विधायकों को लेकर पार्टी में संशय था, उन्होंने भी एक सुर में कांग्रेस सरकार को बिना शर्त समर्थन जारी रखने का दावा किया।
प्रशासनिक अफसरों के वजह से हारे
इतना ही नहीं पार्टी ने प्रदेश की 28 सीटों पर कांग्रेस की हार के लिए राष्ट्रीय मुद्दों को जिम्मेंदार बताते हुए किनारा कर लिया, हालांकि मंत्री औऱ विधायकों ने हार के लिए प्रशासनिक अफसरों को जिम्मेंदार ठहराया है। विधायकों ने चुनाव में अफसरों के पार्टी विशेष के लिए काम करने की शिकायत पार्टी नेताओं के सामने रखी।
वहीं, सीएम ने अब विधायकों की नाराजगी को दूर करने के लिए मंत्रियों को विधायकों के काम प्राथमिकता से पूरा करने को कहा है। साथ ही जिला स्तर पर भी अफसरों को विधायकों के साथ समन्वय बनाकर काम करने का भरोसा दिलाया।
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