जुबिली स्पेशल डेस्क
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्री सहित सात सांसदों और एक राष्ट्रीय महासचिव को विधायकी का टिकट दिया है।
बीजेपी को लगता है कि स्थानीय नेताओं के बजाये केंद्रीय मंत्री और सांसदों के बल पर जीत हासिल की जा सकती है। बीजेपी लोकल लेवल पर नाराजगी दूर करने के लिए इस तहर का कदम उठाया है।
हालांकि कैलाश विजयवर्गीय को जब से टिकट मिला है तब से वो लगातार कांग्रेस को निशाने पर ले रहे हैं लेकिन कैलाश विजयवर्गीय का बयान बीजेपी के लिए परेशानी जरूर पैदा कर सकता है। वहीं कांग्रेस भी अलग ही नैरेटिव गढऩे लगी है। कहा जा रहा है कि बीजेपी के लिए यह सियासी दांव कहीं उलटा न पड़ जाए?

कैलाश विजयवर्गीय ने दिया क्या बयान
कैलाश विजयवर्गीय ने टिकट मिलने के बाद कहा,’यह पार्टी का आदेश है। मुझसे कहा गया था कि मुझे काम सौंपा जाएगा और मैं ना नहीं कहूंगा और मुझे यह करना होगा।
जब टिकट की घोषणा हुई तो मैं भी हैरान रह गया। मैं पार्टी का सिपाही हूं, आदेश का पालन करूंगा।’ इसके बाद मंगलवार को अपने चुनावी अभियान का आगाज करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को एक बयान दिया कि मैं अंदर से खुश नहीं हूं। सच कह रहा हूं। मेरी चुनाव लडऩे की एक फीसदी भी इच्छा नहीं थी।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान को लेकर कांग्रेस अब सक्रिय हो गई है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने बीजेपी निशाना साधा है और कहा है कि कैलाश विजयवर्गीय के बयानों से साफ है कि वो हार रहे हैं और उन्हें डर सता रहा है।
इसीलिए वो कह रहे हैं कि उनकी चुनाव लडऩे की इच्छा नहीं थी। कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला की माने तो , ऐसा लगता है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच आंतरिक कलह चल रहा है। इसीलिए कैलाश विजयवर्गीय को उनकी इच्छा के खिलाफ चुनावी लड़ाई में धकेल दिया गया है।
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