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जो बाइडन : इतिहास रचने की ओर

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली. 78 साल के जो बाइडन दुनिया के सबसे ताकतवर देश की सबसे ताकतवर कुर्सी से कुछ कदम की दूरी पर खड़े हैं. बाइडन ने डोनाल्ड ट्रम्प के आत्मविश्वास को डिगा दिया है. डोनाल्ड ट्रम्प और बाइडन के बीच हालांकि कांटे का मुकाबला रहा. आख़री दौर तक दुनिया यह नहीं समझ पा रही है कि व्हाइट हाउस पर आखिर किसका कब्ज़ा होगा.

जो बाइडन राष्ट्रपति बन जाते हैं तो अमेरिका के इतिहास में सबसे उम्रदराज़ राष्ट्रपति होंगे. डेमोक्रेटिक पार्टी ने उनके लम्बे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए अपना उम्मीदवार बनाया. बाइडन दो बार अमेरिका के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं. 2008 में बराक ओबामा अमेरिका के शीर्ष पद के लिए निर्वाचित हुए थे तब बाइडन पहली बार उप राष्ट्रपति बने थे. 2012 में वह फिर से इस पद के लिए चुने गए. इस बार राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं.

जो बाइडन ने ट्रम्प को हारने के लिए जो तैयारी की वह भी काबिले तारीफ़ है. कोरोना महामारी की वजह से जो घरों से निकलने को तैयार नहीं थे उन्हें बाइडन ने प्रोत्साहित किया कि वह पोस्टल वोट का इस्तेमाल करें. एक तरफ ट्रम्प मतदान केन्द्र पर जाकर वोट डालने की वकालत कर रहे थे तो वहीं बाइडन पोस्टल वोट की वकालत कर रहे थे. आज की तारीख में बाइडन जिस तरह से बढ़त बना रहे हैं उसके पीछे पोस्टल बैलट का ही सबसे बड़ा हाथ है.

जो बाइडन सबसे कम उम्र में अमेरिकी सीनेटर बने थे और अब सबसे ज्यादा उम्र में राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. राजनीति में आने से पहले वह वकील थे.

जो बाइडन वकील से सीनेटर और उपराष्ट्रपति होते हुए राष्ट्रपति बनने की राह पर हैं लेकिन इस मुकाम तक पहुँचने के लिए बाइडन ने तमाम मुश्किलों का सामना किया है. 1972 में जब वह सबसे कम उम्र के सीनेटर चुने गए थे तब वह एक बड़ी मुश्किल से गुज़रे थे. सड़क हादसे में उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नाओमी की मौत हो गई. बेटे हंटर और ब्यू गंभीर रूप से घायल हो गए. 2015 में ब्यू की भी कैंसर से मौत हो गई.

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जो बाइडन छह बार सीनेटर रहे हैं. बराक ओबामा के काफी करीबी रहे हैं. राजनीति में रहते हुए उन्होंने खूब संघर्ष किया है. राजनीति अपर परिवार दोनों का बराबर से ख्याल रखा है. दुर्घटना में पत्नी और बेटी की मौत के बाद पांच साल तक अपने दोनों बेटों को माँ और बाप दोनों का प्यार दिया.

भारत की तरफ मित्रता का हाथ बढ़ाते दिख रहे हैं

दरअसल भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बहुत करीबी रिश्ते हैं. चीन और पाकिस्तान के मुद्दे पर ट्रम्प भारत के पाले में खड़े नज़र आये हैं. जो बाइडन ने भारत की शंकाओं का समाधान करते हुए साफ़ किया है कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के सामने जो भी खतरे होंगे उनसे निबटने में भारत के साथ खड़े होंगे. बाइडन ने कहा है कि अगर भारत और अमेरिका करीबी दोस्त बनते हैं तो दुनिया ज्यादा सुरक्षित हो जायेगी.

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