जुबिली स्पेशल डेस्क
गया (बिहार)। केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक जीतन राम मांझी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है।
वायरल वीडियो में मांझी यह कहते सुने जा रहे हैं कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार को करीब 2600 वोट से हारते देख उन्होंने जिलाधिकारी से बात कर उसे जीत दिलवाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार 1600 वोट से हार हुई, लेकिन इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई।
बताया जा रहा है कि यह बयान गया जिले के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर प्रखंड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में दिया गया। वीडियो में मांझी ने उस समय के जिलाधिकारी का भी उल्लेख किया है, जो वर्तमान में त्रिपुरा में पदस्थ बताए जा रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद चुनावी प्रक्रिया और लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर बहस तेज हो गई है।
ये भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तथा हम पार्टी के संरक्षक श्री जीतन राम मांझी जी है जो ठगेश कुमार जैसे पिद्दी पालतू आयुक्त के मुँह पर करारा तमाचा जड़ डंके की चोट पर खुले मंच से चुनाव नतीजों में हेरा-फेरी, मशीनरी और धांधली से चुनाव जितने का शाही… pic.twitter.com/FSPyQgeBWB
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) December 18, 2025
विपक्ष को मिला हमला बोलने का मौका
गौरतलब है कि 2025 विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष लगातार चुनाव में गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोप लगाता रहा है।
ऐसे में केंद्रीय मंत्री के इस कथित बयान को लेकर विपक्ष को नया मुद्दा मिल गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस वीडियो को साझा करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
राजद ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि एक केंद्रीय मंत्री खुले मंच से चुनाव परिणामों में कथित हेराफेरी और प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग की बात कर रहे हैं। राजद ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।

मांझी का पलटवार, वीडियो से छेड़छाड़ का आरोप
वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया गया है।
उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे इससे डरने वाले नहीं हैं। मांझी ने अपने पोस्ट में कहा कि अब उन्हें कोई न तो अपमानित कर सकता है और न ही भ्रमित।
हम पार्टी का बयान
वहीं, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के गया जिलाध्यक्ष नारायण मांझी ने कहा कि इस तरह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने की जानकारी उन्हें मिली है, लेकिन उन्होंने स्वयं अभी तक वीडियो नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि वीडियो देखने के बाद ही इस पर कोई प्रतिक्रिया दी जाएगी।
वायरल वीडियो को लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और मामला चुनाव आयोग तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
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