जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने बुधवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई और सरकार से सवाल पूछा—”जब सिंदूर ही उजड़ गया, तो ऑपरेशन का नाम सिंदूर क्यों रखा गया?”

राज्यसभा में चर्चा के दौरान जया बच्चन ने सबसे पहले हमले में मारे गए 26 श्रद्धालुओं के परिजनों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह हमला देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा करता है।
जया ने कहा,“जो यात्री वहां गए थे, वो इसलिए गए थे क्योंकि उन्हें विश्वास था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद खत्म हो गया है। लेकिन बदले में उन्हें क्या मिला? सरकार ने उन परिवारों का भरोसा तोड़ा है। वे लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे।”
“इंसानियत होनी चाहिए, गोला-बारूद से कुछ नहीं होगा”
जया बच्चन ने सरकार के रवैये पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,“आपने गोला बारूद खरीदा, तोप खरीदी, रक्षा सौदे किए, लेकिन क्या हम उन 26 लोगों की जान बचा पाए? सिर्फ हथियारों से कुछ नहीं होगा, ज़रूरत इंसानियत की है।”
उन्होंने रक्षा मंत्री के संसद में दिए गए बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाज़ी से पीड़ित परिवारों के घाव नहीं भर सकते।
“सॉरी बोलना चाहिए सरकार को”
सपा सांसद ने भावुक होते हुए कहा,“क्या सरकार ने उन परिवारों से माफी मांगी है? क्या कोई मंत्री जाकर उनके घरों में बैठा? सरकार को सॉरी बोलना चाहिए। लोगों ने आपको उम्मीद और भरोसे के साथ संसद में भेजा है, उसका मान रखिए।”
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विपक्ष का सवाल: नामकरण पर विचार क्यों नहीं?
जया बच्चन के इस बयान के बाद सदन में सन्नाटा सा छा गया। उन्होंने कहा कि ऐसे ऑपरेशन के नाम ‘सिंदूर’ जैसा पवित्र शब्द क्यों रखें, जबकि उसी में लोगों की बस्ती उजड़ गई हो।
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