जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। नई संसद में सदन की विशेष कार्यवाही अब खत्म हो चुकी है। वहीं अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नई संसद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि पुरानी संसद के मुकाबले नई संसद के डिजाइन में कई खामियां है।
उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पुरानी संसद के मुकाबले नई संसद में न तो सदस्यों के बीच बातचीत और मेल जोल की जगह है, न ही कर्मचारियों को काम करने में सुविधाएं हो रही हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि अगर 2024 में सरकार बदलती है और इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो उनकी नए संसद भवन के बेहतर उपयोग का रास्ता ढूंढा जाएगा।
सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा है कि “नई संसद भवन का उद्घाटन जिस तरह से बड़े प्रचार प्रसार के साथ किया गया था वह पीएम मोदी के उद्देश्य को साकार करने वाला है। नई संसद को वास्तव में ‘मोदी मल्टी कंप्लेक्स’ या ‘मोदी मैरियट’ कहा जाना चाहिए। 4 दिनों की कार्यवाही के बाद मैंने देखा है कि संसद में एक-दूसरे से संवाद की जगह नहीं बची है।

ऐसा संसद के दोनों सदनों और परिसर में है। जयराम रमेश यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा है कि यदि आर्किटेक्चर लोकतंत्र को मार सकते हैं तो पीएम मोदी ने बिना लिखे संविधान को ख़त्म करने में सफलता हासिल कर ली है।
उन्होंने आगे कहा कि यहां बैठने वाले सदस्यों को एक दूसरे को देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि हाल बिल्कुल आरामदायक या कॉम्पैक्ट नहीं है। उन्होंने दावा किया कि संसद के कर्मचारियों ने भी असुविधाओं का ज़िक्र किया है।
रमेश ने कहा, “मैंने संसद के कर्मचारियों से यह कहते सुना है कि नए भवन की डिजाइन में उन्हें अपना काम करने में मदद करने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर पर विचार नहीं किया गया है।
उन्होंने नई संसद के निर्माण में विपक्ष से सलाह नहीं लेने पर भी तंज किया है और कहा कि “ऐसा तब होता है जब संसद में बैठने वाले अन्य लोगों से कोई परामर्श नहीं किया जाता।

शायद 2024 (लोकसभा चुनाव) में सत्ता बदलने के बाद संसद भवन का बेहतर उपयोग हो सकेगा। ” बता दें कि नई संसद भवन में विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। इस दौरान महिला बिल पेश किया और उसपर चर्चा की गई। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को पास कर दिया गया है। इसी के साथ विशेष सत्र भी खत्म हो गया।
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