जुबिली स्पेशल डेस्क
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को देश की समुद्री शक्ति को नई मजबूती देते हुए भारतीय नौसेना का सबसे उन्नत संचार उपग्रह GSAT-7R सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
यह लॉन्च आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से शाम 5:26 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम-3 के ज़रिए किया गया।
करीब 4,400 किलोग्राम वजनी यह पूर्णत: स्वदेशी सैटेलाइट भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। यह नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, हवाई जहाजों और समुद्री संचालन केंद्रों को तेज़ और सुरक्षित नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
समुद्री सुरक्षा में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
GSAT-7R सैटेलाइट हिंद महासागर के बड़े हिस्से में मज़बूत सिग्नल कवरेज देगा और नौसेना की रियल-टाइम सर्विलांस (निगरानी) व डेटा ट्रांसफर क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा। इससे भारत की समुद्री सीमाओं की निगरानी और मिशन संचालन और भी प्रभावी होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई देते हुए कहा कि“हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें लगातार गौरवान्वित कर रहा है। GSAT-7R का सफल प्रक्षेपण हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत और नवाचार का परिणाम है। उनकी उपलब्धियां भारत की प्रगति को नई दिशा दे रही हैं।”
ISRO के मुताबिक, यह मिशन समुद्री क्षेत्र में संचार सेवाओं को और मज़बूती देने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है।
‘एलवीएम-3’ वही शक्तिशाली रॉकेट है जिसने चंद्रयान-3 को सफलता पूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचाया था, जिससे भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना था। यह रॉकेट 4,000 किलोग्राम तक का पेलोड जीटीओ कक्षा और 8,000 किलोग्राम तक का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने में सक्षम है।
#WATCH | Sriharikota | The launch of ISRO’s LVM3-M5 carrying the CMS-03 communication satellite from SDSC/ISRO Sriharikota.
Indian Navy’s GSAT 7R (CMS-03) communication satellite today would be the most advanced communication satellite thus far for the Indian Navy. The satellite… pic.twitter.com/nzWZWS94RK
— ANI (@ANI) November 2, 2025
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