अशोक बांबी
पिछले 6-7 सालों से मैं देख रहा हूं की एक बालक ने जूनियर क्रिकेट व अंडर 23 क्रिकेट में जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है लेकिन जब उसे रणजी ट्रॉफी में खिलाया गया तो देखा जाए वह उसमें पूर्ण रूप से असफल हो गया।
जी हां मैं बात कर रहा हूं समीर रिजवी की जिसने अंडर 16 और अंदर-19 क्रिकेट में शतकों की झड़ी लगा दी और तो और अंडर 23 क्रिकेट में भी उसका प्रदर्शन बहुत ही उच्च कोटि का रहा है।
अभी हाल ही में चल रही अंडर 23 की एकदिवसीय प्रतियोगिता में इस खिलाड़ी ने 6 मैचों में चार शतक लगाए हैं जिसमें दो दोहरे शतक है।
पिछले वर्ष भी इस खिलाड़ी ने टी २० व एक दिवसीय क्रिकेट मे बहुत ही जबरदस्त पारियां खेली थी जिसके बदौलत उसे चेन्नई सुपर किंग ने आईपीएल में 8.45 करोड़ में खरीदा था।

लेकिन जिस प्रकार से वह अभी तक रणजी ट्रॉफी में आपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाया उसी प्रकार से उसका प्रदर्शन आईपीएल में भी पिछले वर्ष निम्न कोटि का रहा, क्या कारण है कि इस ताबड़तोड़ खिलाड़ी ने जहां अंडर 16-19 व 23 में जबरदस्त व अतुल्यनिय प्रदर्शन किया है वह रणजी ट्रॉफी व आईपीएल में अभी तक वह प्रदर्शन क्यो नहीं कर पाया ।
मेरे ख्याल से समीर ने जूनियर क्रिकेट में जितने शतक व दोहरे शतक लगाए हैं उतने शतक शायद जूनियर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में किसी भी खिलाड़ी ने नहीं लगाए होंगे।
मेरे विचार से इस खिलाड़ी को एक मनोवैज्ञानिक व एक उच्च स्तरीय खिलाड़ी जैसे कैफ या सुरेश रैना द्वारा प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है जिससे जो इसके मन में रणजी ट्रॉफी वी आईपीएल का भय है उसे दूर किया जा सके।
इस खिलाड़ी को निरंतर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए व प्रदेश की रणजी, वनडे व T20 टीम में निरंतर मौका दिया जाना चाहिए इसमें कोई शक नहीं की इस खिलाड़ी में जबरदस्त टैलेंट है जिसे उभरने वह प्रोत्साहित करने का दायित्व टीम मैनेजमेंट व चयनकरताओ का है।
प्रदेश क्रिकेट से जो भी भूतपूर्व खिलाड़ी जुड़े हुए हैं यह उनका कर्तव्य व दायित्व बनता है कि वे प्रदेश के अच्छे खिलाड़ियों को ढूंढ ढूंढ कर निकाले उनको आगे लाएं और प्रोत्साहित करें ना की बाहर के खिलाड़ियों को लाकर खिलाएं ।
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