जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव सहित 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
स्पेशल CBI जज विशाल गोगने ने सभी आरोपियों की मौजूदगी में यह आदेश सुनाया और कहा कि जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ है कि रेलवे के टेंडरों में लालू यादव का सीधा दखल था, जिसके समर्थन में कई ठोस सबूत भी प्रस्तुत किए गए हैं।
किन धाराओं में लगे हैं आरोप?
कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-B (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 13(2) और 13(1)(d) के तहत आरोप तय किए हैं।
वहीं, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश (IPC 420 और 120-B) के तहत मुकदमा चलेगा।
हालांकि, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं केवल लालू प्रसाद पर लागू होंगी, क्योंकि वह उस समय रेल मंत्री (2004–2009) के पद पर थे।
लालू यादव ने आरोपों को बताया गलत
कोर्ट में आरोप पढ़े जाने के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वे निर्दोष हैं और सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि वे ट्रायल का सामना करने के लिए तैयार हैं।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने भी यही कहा कि CBI के पास उनके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं।
कोर्ट ने क्या कहा?
स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा कि यह मामला भ्रष्टाचार और साजिश से जुड़ा है और आरोपियों की दलीलें अदालत को संतुष्ट नहीं कर पाईं।
CBI द्वारा पेश किए गए दस्तावेज़ों और साक्ष्यों से यह स्पष्ट होता है कि लालू प्रसाद यादव की जानकारी और सहमति से यह साजिश रची गई, जिससे उनके परिवार को आर्थिक लाभ पहुंचा।
कोर्ट के अनुसार, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेहद कम कीमत पर जमीनें मिलने के ठोस सबूत हैं।
कौन-कौन हैं आरोपी?
- मामले में अन्य आरोपियों में शामिल हैं —
- वी.के. अस्थाना (पूर्व ग्रुप जनरल मैनेजर, IRCTC)
- आर.के. गोयल
- विजय कोचर और विनय कोचर (सुझाता होटल्स के निदेशक)
CBI का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए (2004-2009) IRCTC टेंडरों और रेल नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ, जिसके बदले में लोगों से उनके परिवार या स्वामित्व वाली कंपनियों के नाम पर जमीन ली गई।
CBI ने 28 फरवरी को कोर्ट में कहा था कि उसके पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।
जांच एजेंसी का आरोप है कि लालू यादव ने अपने पद का दुरुपयोग कर नौकरियों के बदले जमीन लेने की साज़िश रची, जिससे उनके परिवार को सीधा फायदा हुआ।
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