जुबिली स्पेशल डेस्क
इजरायल और अमेरिका ने ईरान को एक कड़ा संदेश भेजा है। इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि ईरान को उच्च स्तर पर संवर्धित यूरेनियम, जो परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल हो सकता है—तुरंत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सौंपना होगा।
यूरेनियम के जखीरे पर इजरायल को चिंता
काट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के खिलाफ हाल में हुए सैन्य हमलों का मकसद उसकी परमाणु क्षमता को सीमित करना था। उन्होंने दावा किया कि अब ईरान के पास वह तकनीकी आधार नहीं बचा है जिससे वह हथियार-योग्य यूरेनियम को ठोस बम में तब्दील कर सके, क्योंकि अमेरिका ने उन ट्रांसफर सुविधाओं को भी निशाना बनाकर नष्ट कर दिया है।
हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि इजरायल को यह नहीं पता कि ईरान ने अपने पूरे यूरेनियम भंडार को कहां छिपा रखा है। यह अज्ञात लोकेशन सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन चुका है।

408 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम पर आशंका
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी हमलों से ठीक पहले ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट के पास ट्रकों की हलचल देखी गई थी। इससे आशंका है कि ईरान ने वहां से संवर्धित यूरेनियम को पहले ही कहीं और भेज दिया था। यूरोपीय खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि ईरान के पास अब भी लगभग 408 किलोग्राम हथियार-ग्रेड यूरेनियम मौजूद है, जो कई परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त हो सकता है।
गुप्त परमाणु योजना पर फिर सवाल
इजरायल और अमेरिका की चिंता अब इस बात को लेकर है कि ईरान कहीं अपनी परमाणु गतिविधियों को छिपकर अंजाम तो नहीं दे रहा। यदि ईरान यूरेनियम के जखीरे को सौंपने से इनकार करता है, तो पश्चिमी देशों की ओर से और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
इसराइल कैट्ज ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने खुद को संघर्षविराम का सूत्रधार बताया था। कैट्ज ने दो टूक कहा, “अगर हमें खामेनेई को निशाना बनाना होगा, तो हम अमेरिका से अनुमति नहीं लेंगे। हम अपने निर्णय खुद लेते हैं।”
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