- भारत का स्पष्ट रुख: ऊर्जा आयात राष्ट्रीय हित में
- ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद भारत ने अपना रुख स्पष्ट किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस बारे में भरोसा दिलाया है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार (16 अक्टूबर) को कहा कि भारत तेल और गैस का आयात पूरी तरह अपने राष्ट्रीय हितों और उपभोक्ताओं के लाभ को ध्यान में रखकर करता है। हालांकि उन्होंने ट्रंप के दावे का सीधा खंडन नहीं किया, लेकिन संकेत दिए कि भारत की ऊर्जा नीति स्वतंत्र और स्वायत्त है।
जायसवाल ने कहा,
“भारत तेल और गैस का एक अहम आयातक देश है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। हमारी आयात नीतियां इसी आधार पर बनी हैं। स्थिर ऊर्जा कीमतें और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दो अहम लक्ष्य हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत लगातार अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता ला रहा है और वैश्विक बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए बदलाव करता रहा है।
अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग पर बातचीत जारी
विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ भारत के ऊर्जा सहयोग पर लंबे समय से बातचीत चल रही है। प्रवक्ता ने कहा,
“पिछले एक दशक से हम अमेरिका से ऊर्जा खरीद बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मौजूदा अमेरिकी सरकार ने भी भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने में गहरी रुचि दिखाई है।”
क्या कहा था ट्रंप ने
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप पहले भी भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद पर सवाल उठाते रहे हैं।
हालांकि भारत कई बार स्पष्ट कर चुका है कि वह रूस से तेल की खरीद राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी रखेगा।