जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2025 में भारत का निर्यात 19.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 38.13 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया, जबकि आयात 1.88 प्रतिशत घटकर 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इस दौरान देश का व्यापार घाटा 24.53 अरब अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया।
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि नवंबर के निर्यात प्रदर्शन ने अक्टूबर में हुए नुकसान की भरपाई कर दी है। उन्होंने बताया कि 38.13 अरब डॉलर का निर्यात पिछले 10 वर्षों में नवंबर महीने का सबसे ऊंचा स्तर है, जो वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय व्यापार के लिए सकारात्मक संकेत देता है।
अप्रैल–नवंबर में निर्यात-आयात की स्थिति
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर की अवधि में:
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कुल निर्यात 2.62 प्रतिशत बढ़कर 292.07 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
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आयात 5.59 प्रतिशत बढ़कर 515.21 अरब अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया।
इस अवधि में आयात की तुलना में निर्यात की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी रही, जिससे व्यापार घाटे पर दबाव बना रहा।
थोक महंगाई दर में नरमी, नवंबर में 0.32 प्रतिशत की गिरावट
इसी के साथ महंगाई के मोर्चे पर भी राहत के संकेत मिले हैं। नवंबर में थोक मुद्रास्फीति दर सालाना आधार पर 0.32 प्रतिशत घट गई, जबकि अक्टूबर में यह 1.21 प्रतिशत थी।
महंगाई में आई इस गिरावट की मुख्य वजह खनिज तेलों, खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में कमी रही। हालांकि गिरावट मामूली है, लेकिन ओवरऑल थोक महंगाई अभी भी शून्य से नीचे बनी हुई है।
खाद्य कीमतों में दबाव कम, सप्लाई मजबूत
नवंबर के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि महंगाई का सबसे कठिन दौर पीछे छूट रहा है। हालांकि खाद्य पदार्थों की कीमतें अब भी दबाव में हैं, लेकिन इनमें गिरावट की रफ्तार पहले के मुकाबले धीमी हुई है।
फूड इंडेक्स में नरमी जारी रही, क्योंकि सब्जियों के दाम तेज गिरावट के बाद अब स्थिर हो गए हैं। आलू और प्याज की कीमतें पिछले साल के मुकाबले काफी कम रहीं, जिससे मजबूत सप्लाई की स्थिति साफ नजर आती है।
कुल मिलाकर, नवंबर के आंकड़े निर्यात में मजबूती और महंगाई में नरमी के संकेत देते हैं, जो आने वाले महीनों में आर्थिक स्थिति के लिए सकारात्मक माने जा रहे हैं।
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