जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने टैरिफ ऐलानों को लेकर सुर्खियों में हैं। 70 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाने के फैसले के बाद उन्होंने भारत-रूस के व्यापार पर भी नाराज़गी जताई है और रूस से तेल खरीदने पर भारत को पेनाल्टी की चेतावनी दी है। इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करने वाला है।
लेकिन भारत की स्थिति साफ है-तेल कंपनियों को रूस से कच्चा तेल खरीदने पर कोई निर्देश नहीं मिला है और वे अपनी खरीद पहले की तरह जारी रखेंगी। कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है जिससे रूस से तेल आयात रुके।
ट्रंप के दोहरे तेवर
एक ओर ट्रंप भारत को ‘अच्छा मित्र’ बताते हैं, वहीं दूसरी ओर उस पर भारी टैरिफ और जुर्माने की धमकी देते हैं। उन्होंने हाल ही में कहा, “भारत ने अब तक अधिकांश सैन्य उपकरण रूस से ही खरीदे हैं, इसलिए उसे 1 अगस्त से 25% टैरिफ देना होगा।”
भारत पर असर नहीं, रूस से व्यापार जारी रहेगा
रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है और वैश्विक आपूर्ति में उसकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। ऐसे में भारत रूस से तेल आयात रोकने का कोई इरादा नहीं रखता। तेल कंपनियां अभी तक अमेरिका द्वारा तय की गई 60 डॉलर की प्राइस कैप का पालन कर रही हैं।
रूसी तेल कभी बैन नहीं हुआ
अभी तक अमेरिका या यूरोपीय संघ ने रूसी तेल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है। भारत भी अमेरिकी प्रतिबंधों का सम्मान करते हुए ईरान और वेनेजुएला से तेल नहीं खरीदता, लेकिन रूस के मामले में भारत ने हमेशा अपनी ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता दी है।
ट्रंप की धमकियों के बावजूद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह रूस से तेल खरीद जारी रखेगा और किसी बाहरी दबाव में अपने रणनीतिक निर्णय नहीं लेगा।