जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने अपनी 50 साल पुरानी प्रतिष्ठित सेवा रजिस्टर्ड पोस्ट को बंद करने का फैसला लिया है। विभाग की ओर से जारी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, यह सेवा 1 सितंबर 2025 से पूरी तरह स्पीड पोस्ट में विलय हो जाएगी।
डाक विभाग का कहना है कि यह निर्णय परिचालन को अधिक प्रभावी बनाने, बेहतर ट्रैकिंग सुविधा और ग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि इस कदम से उन लाखों नागरिकों की भावनाएं आहत होंगी, जो दशकों से इस सेवा का उपयोग करते आए हैं।
एक भरोसेमंद सेवा का अंत
रजिस्टर्ड पोस्ट एक समय में सबसे विश्वसनीय डाक सेवा मानी जाती थी। नौकरी के प्रस्ताव, सरकारी नोटिस, कोर्ट समन और व्यक्तिगत पत्र इसी माध्यम से भेजे जाते थे।
इस सेवा से जुड़े कई लोगों की भावनात्मक यादें हैं। खासकर पुरानी पीढ़ी के लिए यह सेवा सिर्फ दस्तावेज भेजने का जरिया नहीं, बल्कि एक विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक थी।
अब महंगी हो सकती है डाक सेवा
रजिस्टर्ड पोस्ट की जगह अब स्पीड पोस्ट का इस्तेमाल अनिवार्य होगा, जो कीमत में ज्यादा महंगी है।
जहां रजिस्टर्ड पोस्ट में कम शुल्क देकर दस्तावेज भेजे जा सकते थे, वहीं स्पीड पोस्ट के लिए ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। इससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
31 जुलाई तक करना होगा दिशा-निर्देशों में संशोधन
डाक विभाग के महानिदेशक ने सभी सरकारी विभागों, अदालतों और संस्थानों को 31 जुलाई तक रजिस्टर्ड पोस्ट से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं।
अब से ‘पंजीकृत डाक’ और ‘पावती सहित पंजीकृत डाक’ जैसे शब्दों की जगह स्पीड पोस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए विभाग की प्रशिक्षण सामग्री, तकनीकी दस्तावेजों और ऑपरेशनल प्रोसेस को भी अपडेट किया जा रहा है।
ब्रिटिश काल से चला आ रहा था सिस्टम
पंजीकृत डाक सेवा की शुरुआत ब्रिटिश शासन काल में हुई थी। उस समय यह सेवा अदालतों में दस्तावेजों के कानूनी साक्ष्य के रूप में भी मानी जाती थी।
सरकारी विभागों, बैंकों, अदालतों और शैक्षणिक संस्थानों ने वर्षों तक इस सेवा का भरपूर उपयोग किया। यह सेवा सुरक्षा, समय पर डिलीवरी और प्रमाणिकता के लिए जानी जाती थी।
निजी कूरियर और डिजिटल युग में बदलाव जरूरी
डाक विभाग के मुताबिक, वर्तमान समय में प्राइवेट कूरियर कंपनियों की तेज़ सेवाओं और ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव ने उपभोक्ताओं की उम्मीदों को बदल दिया है।
इन्हीं बदलावों को ध्यान में रखते हुए रजिस्टर्ड पोस्ट को स्पीड पोस्ट में विलय करना एक ज़रूरी निर्णय बताया गया है।
एक युग का अंत
हालांकि यह फैसला तकनीकी और व्यावसायिक दृष्टि से आवश्यक माना जा रहा है, लेकिन यह लाखों लोगों के लिए एक युग का अंत भी है।
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वो दौर अब बीत चुका है जब एक डाकिया रजिस्टर्ड पोस्ट लेकर दरवाजे पर दस्तक देता था – कभी किसी को सरकारी नौकरी की खबर देता, तो कभी किसी कानूनी आदेश की।