Thursday - 18 December 2025 - 5:13 PM

भारत-ओमान के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर, पीएम मोदी को मिला ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सम्मान

जुबिली न्यूज डेस्क

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (18 दिसंबर 2025) को ओमान के सुल्तान हसीम बिन तारिक अल सईद से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा हुई। बैठक के बाद भारत और ओमान के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस मौके पर ओमान सरकार ने भारत-ओमान संबंधों को मजबूत करने में योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से सम्मानित किया।

एफटीए से रोजगार और निर्यात को बढ़ावा

भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। इससे वस्त्र, चमड़ा, जूते, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, दवाइयां, मेडिकल डिवाइस और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का मानना है कि इससे रोजगार सृजन होगा और कारीगरों, महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों और MSME को मजबूती मिलेगी।

यह पिछले छह महीनों में भारत का दूसरा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है। इससे पहले भारत का यूएई के साथ इसी तरह का समझौता मई 2022 में लागू हुआ था। यूएई के अलावा खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) में बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब, कतर और ओमान शामिल हैं। भारत और कतर के बीच भी जल्द ही व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू होने की संभावना है।

भारत-ओमान व्यापार का आंकड़ा

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इसमें भारत का निर्यात लगभग 4 अरब डॉलर और आयात 6.54 अरब डॉलर रहा। भारत ओमान से मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया आयात करता है, जिनकी हिस्सेदारी कुल आयात में 70 फीसदी से अधिक है।

वहीं भारत ओमान को खनिज ईंधन, रसायन, बहुमूल्य धातुएं, लोहा और इस्पात, अनाज, जहाज, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, बॉयलर, चाय, कॉफी, मसाले, कपड़े और खाद्य पदार्थ निर्यात करता है।

चार बड़े बाजारों तक पहुंच का रास्ता

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-ओमान एफटीए से टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, ज्वेलरी, एग्रोकेमिकल, रिन्यूएबल एनर्जी और ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर में नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने ओमान को जीसीसी, पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बताते हुए कहा कि यह समझौता भारतीय कारोबारियों को वैश्विक बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगा।

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