
न्यूज डेस्क
सेना ने सरकार को सचेत करते हुए बताया है कि ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) से सेना को घटिया किस्म का गोला-बारूद मिल रहा है। सेना में खराब गोला-बारूद के इस्तेमाल से सैनिकों के घायल होने व मारे जाने और रक्षा यंत्रों (हथियार) के खराब होने के मामले बढ़ रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार ज्यादातर गोला-बारूद को लेकर सेना में विश्वास कम होता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस संबंध में सेना के रेड अलर्ड ने उसके और मंत्रालय के रक्षा उत्पादन से जुड़े विभागों में हलचल मचा दी है और गोला-बारूद की गुणवत्ता के संबंध में वे संयुक्त प्रयास में जुट गए हैं।
मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में सेना ने बताया है कि खराब गोला-बारूद के चलते सेना की फील्ड गनें आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होती हैं। इनमें अर्जुन, टी-72 और टी-90 टैंकों में इस्तेमाल होने वाली बंदूकें भी शामिल हैं।
इसके अलावा 155एमएम वाली कुछ बोफोर्स बंदूकें भी घटिया गोला-बारूद की वजह से दुर्घटना का शिकार हुई हैं। एक सूत्र ने बताया कि इस समस्या का ठीक प्रकार से हल नहीं होने के चलते सेना ने लंबी दूरी के कुछ हथियारों का इस्तेमाल तक बंद कर दिया है।
मंत्रालय के सूत्रों ने अखबार को बताया कि ओएफबी भारतीय सेनाओं द्वारा इस्तेमाल होने वाले गोला-बारूद की उपलब्धता का प्रमुख स्रोत है। थल सेना और वायु सेना में उसके बनाए गोला-बारूद इस्तेमाल होते हैं।
इस सरकारी कंपनी का सालाना टर्नओवर 19,000 करोड़ रुपये है, लेकिन सामान अच्छी गुणवत्ता का नहीं है। इस बारे में एक सूत्र ने कहा, ‘ओएफबी के सामान की क्वालिटी गिरने का मतलब है देश की युद्ध क्षमता पर असर पड़ना ‘ ।
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