न्यूज़ डेस्क
पूरे देश में आज दशहरा बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। लेकिन देश में ऐसी एक जगह है जहां लोग इस दिन रावण की पूजा अर्चना पूरे श्रद्धा भाव से की जाती है। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की नटेरन तहसील के रावण गांव में रावण की पूजा की जाती है।

वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को ग्रामवासी पूरी भक्ति से पूरा कर रहे हैं। चलो अच्छा ही है कि रावण को लेकर इस देश में कोई विवाद नहीं है। वरना भगवान राम की तरह रावण भी इस समय चुनावी मुद्दा हो गया होता। रावण नाम के इस छोटे गांव में लोग रावण को देवताओं की तरह पूजते है। जहां उसकी मूर्ति भी है यही नहीं गांव में कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह या बच्चों का जन्मोत्सव हो तो सबसे पहले यहां आकर ग्रामीण दंडवत होते हैं। उसके बाद काम की शुरुआत करते हैं।

गाड़ी पर लिखवाते है ‘जय लंकेश’
दशहरा यानी विजयादशमी के दिन इस मंदिर में पूजा अर्चना के साथ भंडारे का आयोजन किया जाता है। यहां राबण बब्बा के नाम से रावण का मंदिर फेमस है। इसके अलावा जो कोई नया वाहन खरीदता है, वह उस पर ‘जय लंकेश’ लिखवाता हैं। ऐसी धारणा भी है कि अगर कोई भी कार्य करने से पहले रावण की पूजा अर्चना नहीं की तो कोई ना कोई अशुभ हो जाता है।
गांव में कई कहानियां है प्रचलित
इसको लेकर गांव में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि यहाँ के पास में एक पहाड़ी पर एक राक्षस रहता था, जोकि बार बार रावण के बल को चुनौती देता था और उससे लड़ने लंका जाता था। एक बार उससे रावण ने कहा कि तुम अपने ही क्षेत्र में एक रावण की प्रतिमा बनवा लो और वहीं से युद्ध किया करो। राक्षस का कहना था कि जब मैं आपके सामने आता हूं तो मेरा बल कम हो जाता।
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