जुबिली न्यूज डेस्क
आदिवासी बाहुल्य मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले से रविवार (17 नवंबर) से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति के साथ मारपीट और फिर उसे नंगा करके घुमाया जा रहा है. वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान देवीसिंह भील के नाम से हुई है. वो मूलतः ज़िले के आजाद नगर थाने के सेजवाड़ा गांव से आते हैं और इनके साथ मारपीट पास के ही छोटी मालपुर गांव में हुई थी.

पुलिस के अनुसार ये घटना 14 नवंबर की है और वीडियो कल दोपहर के बाद वायरल हुए हैं. इसके बाद पुलिस ने शाम 6 बजे एफआईआर दर्ज कर पांच लोगों को हिरासत में लिया है.
मामले पर ज़िला पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने रविवार शाम पत्रकारों को बताया, “हमारे पास इसका वीडियो प्रकाश में आया था. इसके बाद हमने संबंधित थाने के प्रभारी और एसडीओपी जोबट को निर्देशित किया है कि इस पर रिपोर्ट लेकर अपराध कायम करें. दोनों अधिकारी मौके पर हैं और इसमें जो भी दोषी होंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मीडिया से बातचीत में 48 साल के देवी सिंह ने दावा किया कि वो पास ही के गांव की एक विधवा महिला की उसके बच्चों को पालने में बीते 5 साल से मदद कर रहे थे.
देवीसिंह का कहना है, “मैं हमारे गांव के पास ही छोटी मालपुर गांव की रहने वाली एक विधवा महिला की उसके बच्चों को पालने में मदद कर रहा था. हम एक दूसरे को बीते लगभग 4-5 साल से जानते हैं. 14 तारीख की शाम भी मैं इनके साथ इनके खेतों में लगे अनाज की सिंचाई करवा रहा था, जब गांव के ही कुछ लड़कों ने मुझे पकड़ा और इनके ससुराल वालों को सूचना दी.”
देवीसिंह के पुत्र शैलेश ने बताया उस महिला के सुसराल वालों को इस बात से समस्या थी कि मेरे पिता उनकी मदद क्यों कर रहे हैं. इस कारण उस रात उन लोगों ने मेरे पिता के साथ ये ज्यादती की”.इस मामले में कल पुलिस के पास संबंधित महिला ने भी पहुंचकर देवीसिंह के साथ हुए घटनाक्रम की जानकारी दी और उसके ससुराल वालों द्वारा ऐसा किए जाने का आरोप लगाया है.
जानवर के जैसे नंगा करके गांव भर में घुमाया
देवीसिंह ने आगे बताया कि महिला के ससुराल वालों ने वहां पहुंचकर उनके साथ बहुत मारपीट. पहले तो जी भर कर मुझे मारा और फिर उसके बाद मेरे कपड़े फाड़ दिए, मेरे हाथों को रस्सी से बांध दिया गया और मुझे किसी जानवर के जैसे नंगा करके गांव भर में घुमाया.
मामले पर जिला पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने बीबीसी को बताया, “पीड़ित ने 14 तारीख को आजाद नगर पुलिस थाने पहुंचकर अपने साथ मारपीट होने की बात बताई थी जिस पर पुलिस ने संज्ञान लेकर गैर-संज्ञेय रिपोर्ट दर्ज करके पीड़ित को मेडिकल जांच के लिए भेजा था.” देवी सिंह का कहना है कि घटना के बाद से उन्हें अपने गांव में भी बाहर निकलने से पहले सोचना पड़ रहा है.
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