Thursday - 11 January 2024 - 7:09 PM

लाकडाउन में ‘हर्ड इम्यून’ मारेगा कोरोना का वायरस,जानें कैसे

ओम दत्त

कोरोना वायरस का नया सदस्य कोविड-19 अपने पूर्वजों में सबसे खतरनाक हो गया है और लगता है कि पूरे विश्व के लोंगों का शिकार कर लेगा।लेकिन ऐसा होगा नहीं, अगर लाक डाउन का पूरी तरह से पालन करने के साथ यदि हम करते हैं ये काम।

लाक डाउन कितना है, महत्वपूर्ण

कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए अधिकांश देशों में लाक डाउन है। भारत में भी सरकार ने 14 अप्रैल तक लाक डाउन का ऐलान किया है। कुछ लोग लाक डाउन को सही नहीं मान रहे हैं लेकिन एक नए शोध में पाया गया है कि अधिकांश आबादी लाक डाउन में नहीं होती तो कोरोनावायरस के चलते अब तक दुनिया में चार करोड़ से ज्यादा मौतें हो चुकी होती और कई अरब लोग इससे संक्रमित हो चुके होते। इसी से साफ अंदाजा लगता है कि कोरोना वायरस के रोग के लिए लाग डाउन कितना महत्वपूर्ण है।

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हर्ड इम्यूनिटी “का जिक्र हमने अपने पिछले लेख”अभी भी लोग नहीं जानते सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्दों के मायने” में किया है कि हर्ड का मतलब होता है लोगों का एक बड़ा समूह या झुण्ड जो अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता ‘इम्यूनिटी’ के बल पर कोरोना के संक्रमण से बीमार होकर भी अपने को बचा लेता है तो कोरोना का वायरस कमजोर पड़ कर फैलने नहीं पायेगा।

कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने का दूसरा रास्ता है टीका(वैक्सीन) इजाद करें,जो कब तक होगा अभी साफ नहीं है।

इस लिये जरूरी है लाकडाउन के निर्देश का पूरी तरह से पालन करने के साथ ही हम बचाव के पहले विकल्प को अपनाते हुए अपने रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्युनिटी सिस्टम)को मजबूत बनाने में क्यों न जुट जांय।

पढ़े रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्युनिटी सिस्टम) क्या है और कैसे काम करता है

रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्युनिटी सिस्टम)इम्यून सिस्टम नाम का एक ऐसा मैकेनिजम है जो वायरस बैक्टीरिया को शरीर से दूर रखता है । इंसान के मरते ही इम्यून सिस्टम खत्म हो जाता है और उस पर वायरस, बैक्टीरिया आदि हमला कर देते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार,प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) किसी जीव के भीतर उन जैविक प्रक्रियाओं का एक संग्रह है जो वायरस, बैक्टीरिया को पहले पहचान और फिर मारकर उस जीव की रोगों से रक्षा करती हैं।

एक तरह से यह प्रतिरोधक तंत्र हमारे शरीर के भीतर जब तक मजबूत है तब तक हमारे ऊपर कोरोना वायरस संक्रमण नहीं कर पायेगा।

बहुत से लोगों का कहना है कि हमारा इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत है,लेकिन यह सही नहीं है कि सभी में रोग प्रतिरोधक क्षमता(इम्यूनिटी) मजबूत ही हो।इसके पीछे कई कारक हैं जिनसे हमारा इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हुआ है।

अधिकांश लोगों में घट गई है रोग प्रतिरोधक क्षमता

प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले अधिकांश युवाओं में अनियमित खान-पान ,देर रात तक काम करने की आदत से बिगड़ी दिनचर्या के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) घटती जा रही है,  दूसरे डायबिटीज ब्लड प्रेशर,एड्स जैसी गंभीर बीमारियों में भी खास किस्म की दवाओं के असर से भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है इसके अलावा आयु वृद्धि के साथ भी रोग प्रतिरोधक तंत्र कुछ कमजोर होने लगता है इसलिए बीमार और सीनियर सिटीजन को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है।

कैसे मजबूत होगा रोग प्रतिरोधक तंत्र(इम्यूनिटी सिस्टम)

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए दैनिक जीवन में कसरत (एक्सरसाइज), ध्यान (मेडिटेशन), गहरी निद्रा ( साउंड स्लीप )और तनाव से मुक्त रहना सबसे ज्यादा मदद करते हैं ।इसके अलावा आप को अपने आहार में कुछ विटामिन्स को शामिल करना होता है।

1.व्यायाम (एक्सरसाइज) से कैसे मजबूत होता है रोग प्रतिरोधक तंत्र(इम्युनसिस्टम) 

शोध से पता चला है कि जो रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है और वह कोरोना वायरस से के संक्रमण से अन्य के मुकाबले कम संक्रमित होंगे।नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम तनाव रहित और निद्रा को बेहतर तो बनाता ही है साथ ही साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत कर देता है।

ब्राउनिंग नामक शोधकर्ता ने बताया है -इक्सरसाइज करने से इंडोर्फिन्स नामक बायो केमिकल कंपाउंड शरीर के अंदर पैदा होते हैं जो शरीर के लिए नेचुरल पेन किलर और मूड अच्छा करने के लिए है।

यूनिवर्सिटी आफ मेरीलैण्ड की शरीर संरचना विभाग की प्रोफेसर स्मिथ के अनुसार-व्यायाम करने से तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों में आराम आ जाता है जिससे व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।

ब्राउनिंग फिटनेस के फाउंडर मेरियन ब्राउनिंग के अनुसार -व्यायाम(इक्सरसाइज) कोल्ड, बुखार ,फ्लू और अन्य बीमारियों का जनक बैक्टीरिया को लंग से से बाहर फेंक देता है और स्ट्रेस हारमोनी के कम होने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता आ जाती है।

एक्सपर्ट के अनुसार एक्सरसाइज करने से ब्लड सरकुलेशन में बढ़ोतरी होती है ,कार्डियक फंक्शन बेहतर होता है रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और शरीर से जहरीले पदार्थ पसीने के रास्ते बाहर निकल जाते हैं।

लाक डाउन होने से हमारे लिए समय ही समय है, जिसमें हम इक्सरसाइज के लिये अभी से समय निकाल लें।
कार्डियक एक्सरसाइज, कूदना ,डांस करना ,सीढ़ी चढ़ना,क्षमता के अनुसार वजन उठाने जैसे कई तरह से व्यायाम कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन एक्सरसाइज के तरीके देख कर भी घर पर ही एक्सरसाइज किया जा सकता है।

एक्सरसाइज को मनोरंजक और उत्साहवर्धक बनाने के लिए मोबाइल एप्प और यूट्यूब का सहारा लेकर म्यूजिक के साथ-साथ इक्सरसाइज करते रहना चाहिए जिससे अकेलापन नहीं होगा और मन लगेगा।

2.ध्यान (मेडिटेशन) बढ़ायेगा इम्यूनिटी को

टीवी ,सोशल मीडिया,वैट्सअप से केवल करोना से मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी ,और फैलते संक्रमण से उसकी भयावहता की बात 24 घंटे हो रही है, जिससे लोगों में मानसिक तनाव और भय व्याप्त हो रहा है। जापानी का “झेन “और चीन का “च्यान” यह दोनों ही शब्द “ध्यान” के अपभ्रंश है ,अंग्रेजी में इसे मेडिटेशन कहते हैं। ध्यान का अर्थ है अवेयरनेस ,जागरूकता।

ध्यान उस बल्ब की तरह होता है जो चारों दिशाओं में प्रकाश फैला देता है। प्रारंभ में यह बहुत कम वाट की रोशनी देता है ।पूरा प्रकाश तो योगियों के ध्यान में ही होता है जिसे पूरा ब्रह्मांड रोशन होता है।

चिकित्सकों के अनुसार, ध्यान करने से शरीर शांत होकर तनाव रहित होता है ,दर्द सहने की क्षमता बढ़ जाती है, कार्डियक अटैक का खतरा कम होता है और नींद की जरूरत को कम किया जाता है।इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता
बढ़ने लग जाती है।इसलियदि आपने अब तक आपने मेडिटेशन कभी नहीं किया है, तो यह करने के लिये सबसे अच्छा अवसर है।

ध्यान करने के लिए एकांत में कोई कोई जगह देखनी चाहिए ,जहां निश्चित समय पर ढीले कपड़ों में आप बैठ सकें और गहरी गहरी सांस लेते हुए एक बिन्दु पर अपना ध्यान केंद्रित करें। इससे अधिक ध्यान के बारे में जानकारी के लिए आप यूट्यूब और वेबसाइट पर पूरी जानकारी ले सकते हैं जिससे ध्यान पूरी तौर पर सही तरीके से किया जा सके ताकि इसका भरपूर फायदा मिले।

तनाव (स्ट्रेस) से कैसे रहें दूर 

कई मनोवैज्ञानिक मान रहे हैं कि कोरोना वायरस की बहुत अधिक खबरें लोगों में तनाव,डर और बेचैनी पैदा कर रही हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार तनाव बढ़ने से शरीर में एड्रनलीन की मात्रा बढ़ जाती है और यदि यह देर तक रहे तो शारीरिक व मानसिक समस्यायें बढ़ जाती हैं ।

वर्षों के अनुसंधान से पता चला है कि जीवन में तनाव होते ही तमाम तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं और हमारा इम्यून सिस्टम काफी खराब होने लगता है लंबे चलने वाले और ज्यादा तनाव होने से नकारात्मकता( नेगेटिविटी) को भी बढ़ावा मिलता है, जिसका सबसे बुरा प्रभाव शरीर के ऊपर पड़ता है और हमारा इम्युन सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे वायरस और बैक्टीरिया का खतरा हमारे शरीर के लिए अत्यधिक बढ़ जाता है।

ऑनलाइन काउंसिल करने वाली काउंसलिंग करने वाली एक कंपनी के अनुसार तनाव के बढ़ने पर शराब और सिगरेट पीने की आदत पड़ जाती है डाइट ठीक नहीं रह जाता है और नींद कम आने लग जाती है। इसलिए मन को शांत करने के लिए ध्यान के साथ साथ हल्के रंगों का विकल्प चुनना चाहिए। खुली हवा में रहे और धीमे-धीमे बढ़िया मधुर संगीत सुनें ,सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों से उतना ही समाचार सुने देखें जिसका मन पर कोई विपरीत प्रभाव ना हो।

विशेषज्ञ फोर्टी के मत से -नकारात्मक सोच जिससे तनाव चिंता उसे बढ़ती है उसे आगे न बढ़ने दें और अपने सोच में लचीलापन यानी फ्लैक्सिबिलिटी रखें और कोशिश करें कि सोच पाजिटिव हो जिससे आपका मस्तिष्क मजबूत हो जाए तभी आपका इम्यून सिस्टम सशक् तबनेगा और कोरोनावायरस के संक्रमण से खतरे से बच जाएंगे।

नींद लेने में कंजूसी पड़ेगी भारी

स्टेटेन आईलैंड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर थामस किल्केने ने चेतावनी देते हुए कहा है -कि सोने में कंजूसी करना आपके जीवन को कम करता है और स्ट्रोक , हाई ब्लड प्रेशर,डायबिटीज और अन्य दिल के रोग की संभावना बढ़ जाती है।

चिकित्सकों के अनुसार- जो लोग 7 घंटे से कम या 8 घंटे से अधिक सोते हैं उनमें जीवन का रिस्क (17% से 24% )तक होता है। नींद कम लेने से उच्च रक्तचाप बढ़ जाता है और तंत्रिका तंत्र की गतिविधि असामान्य हो जाती है जिससे एक एकाग्रता में बाधा और थकान का एहसास होता है। इसका आपके शरीर पर और इम्यून सिस्टम पर भी काफी अधिक प्रभाव पड़ता है।

इस लिये पर्याप्त मात्रा में आपको नींद लेनी चाहिए ।नियमित व्यायाम और धीमा संगीत तथा समय से बिस्तर पर जाना आपको गहरी नींद में ले जाता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए ग्रीन टी और ब्लैक टी दोनों ही फायदेमंद होती हैं। कच्चा लहसुन प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और दही का सेवन भी इसको बेहतर बनाएगा ।विटामिन डी, नीबू ,संतरा, पर्याप्त मात्रा में फल और सलाद लेने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हो जाती है। इस लिये आप सजग होकर अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने में लग जांय कोरोना क्या कोई वायरस आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।

(लेखक जुबिली पोस्ट मीडिया वेंचर में एसोसिएट एडिटर के पद पर कार्यरत हैं) 

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