जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से सीबीएसई के बाद काउंसिल फॉर दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने भी आईसीएसई (10वीं) की परीक्षा रद्द कर दी है और छात्रों के बाद में परीक्षा देने के विकल्प को भी वापस ले लिया।
इससे पहले 16 अप्रैल को बोर्ड ने 10वीं के छात्रों को दो ऑप्शन दिए थे- पहला इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट का और मार्क्स से अंसतुष्ट होने पर परीक्षा में बैठने का, लेकिन मंगलवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक 10वीं के छात्रों की परीक्षा अब नहीं होगी।

10वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए बोर्ड एक पारदर्शी क्राइटेरिया तय करेगा और इसी के आधार पर रिजल्ट निकाला जाएगा। रिजल्ट की डेट को लेकर बाद में घोषणा कर दी जाएगी।
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ढ्ढष्टस्श्व से संबंद्ध स्कूलों को 10वीं के छात्रों का एडमिशन 11वीं में करने और उनकी पढ़ाई ऑनलाइन मोड से शुरू करने के आदेश दे दिए गए हैं।
बोर्ड ने कहा है कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमकिता है।
केंद्रीय शिक्षा बोर्ड ने आईएससी (12वीं) की परीक्षा को लेकर अपना 16 अप्रैल का फैसला नहीं बदला है। बोर्ड ने कहा है कि जून के पहले सप्ताह में नई तिथियों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पूर्व में निर्धारित परीक्षा कार्यक्रम के मुताबिक आईसीएसई और आईएससी कक्षाओं के थ्योरी एग्जाम 4 मई 2021 से शुरू होने थे।
सीआईएससीई से पहले सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षा रद्द और 12वीं की परीक्षा स्थगित कर चुका है।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं का रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी करेगा, जबकि 12वीं की परीक्षाओं पर फैसला 1 जून को लिया जाएगा।
वहीं तेलंगाना बोर्ड, हरियाणा बोर्ड, ओडिशा बोर्ड, यूपी बोर्ड, छत्तीसगढ़ बोर्ड, पंजाब बोर्ड, राजस्थान बोर्ड, महाराष्ट्र बोर्ड, मध्य प्रदेश बोर्ड भी कोरोना के कारण अपनी परीक्षाएं स्थगित कर चुके हैं।
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हरियाणा बोर्ड ने सीबीएसई की तरह 10वीं की परीक्षा रद्द कर इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट निकालने का फैसला किया है।
पंजाब ने 5वीं, 8वीं और दसवीं की परीक्षा नहीं लेने का फैसला किया है। पंजाब में बिना परीक्षा लिए 5वीं, 8वीं और दसवीं क्लास के बच्चों को आगे की कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।
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हर वर्ष आईसीएसई और आईएससी परीक्षा में करीब 3 लाख विद्यार्थी बैठते हैं। ICSE में पिछले वर्ष 2,07,902 बच्चों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 2,06,525 पास हुए थे यानी ICSE में 99.33 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए। वहीं ISC में पिछले वर्ष 88,409 बच्चों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 85,611 पास हुए, यानी ISC में 96.84 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए।
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