जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में तैनात आईएएस अधिकारियों को अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया गया है. अपनी सम्पत्तियों की ऑनलाइन जानकारी न देने वाले अफसरों को 31 जनवरी 2021 के बाद न तो संवेदनशील पदों पर तैनात किया जायेगा और न ही केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जायेगा.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में यूपी सरकार को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि केन्द्र सरकार ने प्रतिनियुक्ति या संवेदनशील पदों पर नियुक्ति के लिए आईएएस अधिकारियों को अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन बताना ज़रूरी कर दिया है.

इस पत्र में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा नियमावली- 1968 के तहत प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन भरना ज़रूरी किया गया है. ऐसा न करने पर प्रतिनियुक्ति, इम्पैनलमेंट और संवेदनशील पदों पर नियुक्ति पूर्ण किये बगैर मूल कैडर में वापसी में समस्या पैदा हो सकती है.
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पत्र में कहा गया है कि जो अधिकारी 31 जनवरी तक अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं देते हैं उन अधिकारियों के लिए विजिलेंस क्लीयरेंस देने से मना कर दिया गया है. विजिलेंस क्लीयरेंस के बगैर इम्पैनलमेंट, प्रतिनियुक्ति और संवेदनशील पदों पर नियुक्ति कुछ भी संभव नहीं है. इस पत्र में साफ़ तौर पर कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में ऐसे अफसरों की तादाद बहुत ज्यादा है जो अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन नहीं देते हैं. केन्द्र से पत्र मिलने के बाद विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने सभी विभागाध्यक्षों पत्र भेजकर जानकारी दे दी है.
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