- पांच राज्यों में पहली बार मिले देश के आधे टीबी रोगी
- दो लाख से ज्यादा मरीज गायब
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की टीबी पर वार्षिक रिपोर्ट
जुबिली न्यूज डेस्क
मार्च 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में टीबी उन्मूलन शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते कहा था कि दुनिया में टीबी को खत्म करने के लिए 2030 का समय तय किया है, लेकिन भारत ने अपने लिए यह लक्ष्य 2025 रखा है। मतलब भारत 2025 तक टीबीमुक्त हो जायेगा।
पीएम मोदी की इस घोषणा के दो साल बाद भी इस दिशा में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। देश में टीबी के मरीजों की संख्या घटने के बजाए बढ़ती जा रही है। देश में पहली बार टीबी के सर्वाधिक मरीज सामने आए हैं।
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बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंडिया टीबी रिपोर्ट-2020 को जारी किया। केंद्र के अनुमान के मुताबिक देश में टीबी के 26.9 लाख मरीज हो सकते हैं। हालांकि, इनमें से आधे मरीज पांच राज्यों में ही मिले हैं।
पिछले साल 2019 में 24.04 लाख टीबी के मरीजों की पहचान हो सकी थी। हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में यह आंकड़ा 12 फीसदी अधिक है। इनमें से 94.4 फीसदी मरीजों का पिछले वर्ष ही उपचार शुरू हो चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक दो लाख से ज्यादा टीबी मरीज गुमशुदा हैं, जबकि 1.3 लाख मरीज पंजीयन के बाद दोबारा अस्पताल ही नहीं पहुंचे।
वर्ष 2018 में टीबी के 21.02 लाख मरीज मिले थे और उपचार सफलता दर 80 फीसदी दर्ज की गई थी। टीबी रोग को लेकर बीते कुछ वर्षों में बजट भी काफी बढ़ाया गया है। वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 640 से बढ़कर वर्ष 2019 में 3333 करोड़ रुपये दिया गया है।
2019 में 79,144 मरीजों की मौत
टीबी के चलते वर्ष 2019 में 79,144 मरीजों की मौत हुई है, जबकि 14,318 मरीजों में उपचार का असर देखने को नहीं मिला है। टीबी के कुल मरीजों में 1,51,286 बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा एमडीआर और आरआर टीबी के 66,255 रोगियों में से 56,569 को उपचार दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार पांच राज्य उत्तर प्रदेश 20, महाराष्ट्र 9, मध्यप्रदेश आठ और राजस्थान व बिहार में सात फीसदी मरीज मिले हैं। इसके अलावा वर्ष 2018 की तुलना में प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की पहचान होने से संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
मंत्रालय के अनुसार हिमाचल प्रदेश ने 2021, सिक्किम व लक्षद्वीप ने 2020 और बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्यप्रदेश, पुड्डूचेरी और तमिलनाडु ने 2025 में टीबी मुक्त होने का लक्ष्य रखा है, जबकि केरल का लक्ष्य इसी वर्ष टीबी मुक्त होने का है।
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कोरोना की वजह से 95 हजार अतिरिक्त मौतें टीबी से
बुधवार को ‘यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अगले पांच वर्षों में भारत में लगभग 95,000 अतिरिक्त मौतें टीबी के कारण हो सकती हैं, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है।
स्टडी के अनुसार कोरोना महामारी टीबी के वैश्विक बोझ को काफी बढ़ा सकती है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और मजबूत नहीं किया जाता है, तो भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में टीबी से कम से कम 110,000 अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं।
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