जुबिली स्पेशल डेस्क
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते (India-US Trade Deal) को लेकर दिए जा रहे नरम संकेतों के उलट, अब एक सख्त कदम उठाते हुए भारत पर 25% हाई टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
यही नहीं, भारत पर यह भी दबाव डाला गया है कि यदि वह रूस के साथ व्यापार जारी रखता है, तो उसे अतिरिक्त आर्थिक दंड भी भुगतना होगा।
हालांकि, ट्रंप की इस टैरिफ नीति से केवल भारत ही नहीं, बल्कि 16 अन्य देश भी प्रभावित हुए हैं—जिन पर भारत से भी ज्यादा दरों पर टैरिफ लगाया गया है।
देश | टैरिफ |
ब्राजील | 50% |
म्यांमार | 40% |
लाओस | 40% |
कंबोडिया | 36% |
थाईलैंड | 36% |
बांग्लादेश | 35% |
सर्बिया | 35% |
कनाडा | 35% |
मेकिस्को | 30% |
दक्षिण अफ्रीका | 30% |
बोस्निया और हर्जेगोविना | 30% |
श्रीलंका | 30% |
अल्जीरिया | 30% |
इराक | 30% |
लीबिया | 30% |
चीन | 30% |
भारत | 25% |
ब्रूनेई | 25% |
मलेशिया | 25% |
साउथ कोरिया | 25% |
वियतनाम | 20% |
इंडोनेशिया | 19% |
फिलिपींस | 19% |
जापान | 15% |
किस देश पर कितना टैरिफ? भारत से ऊपर भी हैं कई नाम
- ब्राज़ील – 50% (सबसे ऊँचा टैरिफ)
- म्यांमार – 40%
- बांग्लादेश – 35%
- थाईलैंड – 26%
- भारत – 25%
- कजाखिस्तान, मोल्दोवा, ट्यूनिशिया – 25%
- यूरोपीय संघ (EU) – 15%
इन सभी टैरिफ दरों को 1 अगस्त 2025 से लागू किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत पर लगाए गए 25% टैक्स और रूस से व्यापार करने पर संभावित जुर्माना, इस पूरे घटनाक्रम को और अधिक रणनीतिक और राजनीतिक रंग दे रहे हैं।
पहले थे नरम संकेत, अब चौंकाने वाला फैसला
बीते महीनों में ट्रंप प्रशासन की ओर से लगातार यह संकेत मिल रहे थे कि भारत पर 20% से कम टैरिफ लगाया जाएगा। यहां तक कि यह भी कहा गया था कि भारत जैसे व्यापारिक साझेदारों को कुछ हद तक राहत दी जाएगी। लेकिन अब आए इस उलट फैसले ने भारतीय उद्योग जगत को चौंका दिया है।
भारत पर असर, वियतनाम को फायदा
जहां भारत में 25% टैरिफ के चलते निर्यातकों में चिंता का माहौल है, वहीं वियतनाम के निर्यातकों के चेहरे खिले हुए हैं। उन्हें अमेरिका में अपने उत्पादों पर केवल 20% टैरिफ देना होगा, जिससे भारत पर उन्हें 5 अंकों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल रही है।
वियतनाम भारत के साथ विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, गारमेंट और मरीन फूड (विशेषकर झींगा) जैसे सेक्टर्स में सीधी टक्कर देता है, जो भारत के अमेरिका को होने वाले निर्यात का 5% हिस्सा हैं।
इंडोनेशिया, फिलीपींस और मलेशिया की स्थिति
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इंडोनेशिया – 19% टैरिफ (भारत से 6% कम), जुलाई 2025 में व्यापार समझौता हो चुका है।
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फिलीपींस – 19% टैरिफ (पहले 20% था), कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स में मामूली बढ़त।
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मलेशिया – भारत के समान 25%, लेकिन रूस-व्यापार जुर्माना नहीं, जिससे यह भी लाभ में।
दक्षिण एशिया में भारत फिर भी सबसे मज़बूत
भारत के पड़ोसी देश भारत से भी ज्यादा टैरिफ का बोझ झेल रहे हैं:
- बांग्लादेश – 35% (कपड़ा सेक्टर पर असर, जो पहले से संकट में)
- श्रीलंका – 30% (1.9 अरब डॉलर का कपड़ा निर्यात प्रभावित)
इस परिप्रेक्ष्य में भारत, भले ही संकट में हो, लेकिन वह अब भी दक्षिण एशिया में एक अपेक्षाकृत मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है, और अपने संघर्षरत पड़ोसियों से बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की स्थिति में है।
यह सिर्फ व्यापार नहीं, रणनीतिक दांव है
ट्रंप की टैरिफ नीति केवल आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि रणनीतिक संकेत भी हैं—रूस से निकटता, क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका अब फिर से समीक्षा के दायरे में है। भारत के लिए यह एक चुनौती भी है और अवसर भी—अमेरिकी बाजार में अपने पैर जमाए रखने के लिए अब तेज़ रणनीतिक और कूटनीतिक कदम उठाने होंगे।