जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के छह दिन बाद मुख्य आरोपी विकास दुबे का एक साथी को पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। बुधवार सुबह हमीरपुर के मौदाहा में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में विकास दुबे का दाहिना हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को मार गिराया गया। अमर को विकास दुबे गैंग का शातिर बदमाश माना जाता है।
अमर दुबे पर 25000 रुपये का इनाम घोषित था। 2 जुलाई की रात कानपुर देहात के बिकरू गांव में शूटआउट के मामले में भी अमर दुबे की तलाश थी। वह पिछले हफ्ते चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बदमाशों द्वारा घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में शामिल था। यूपी पुलिस ने जिन अपराधियों की तस्वीरें जारी की थी, उसमें अमर दुबे का नाम सबसे ऊपर था।
ख़बरों की माने तो वो विकास के पर्सनल बॉडी गार्ड का भी काम करता था। वो हमेशा असलहे से लैस रहता था। पुलिस को अमर के विकास दुबे के साथ ही भागने की जानकारी तब हुई जब पुलिस को उसकी फोर्ड कार औरैया-दिबियापुर हाइवे पर मिली थी। कार के अंदर मिले दस्तावेजों से अमर के लखनऊ स्थित घर का पता चला था।

एनकाउंटर में एसओ और एसटीएफ के एक कॉन्स्टेबल को गोली लगी
बताया जा रहा है कि अमर दुबे हमीरपुर के मौदहा इलाके में अपने किसी रिश्तेदार के घर पनाह लेने के इरादे से आया था। इससे पहले उसने हरियाणा के फरीदाबाद में शरण ली थी। अमर दुबे की मूवमेंट के बाद उसे एसटीएफ ने घेरकर सरेंडर करने के लिए कहा था। इसी दौरान दुबे ने भागने की नाकाम कोशिश करते हुए गोलीबारी की और क्रॉस फायरिंग में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया।
हमीरपुर के एसपी श्लोक कुमार का कहना है कि अमर दुबे की छिपे होने की सूचना पर पुलिस टीम ने घेराबंदी की थी। इस दौरान अमर ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी एनकाउंटर में वह मार गिराया गया। उसके पास से एक ऑटोमेटिक हथियार और बैग मिला है। इस एनकाउंटर में एसओ और एसटीएफ के एक कॉन्स्टेबल को गोली लगी है।
इस बीच एसटीएफ विकास दुबे को तो नहीं पकड़ पाई लेकिन उसने प्रभात और अंकुर नाम के उसके दो करीबियों को गिरफ्तार कर लिया है. अंकुर के बारे में बताया जाता है कि उसी ने फरीदाबाद में विकास दुबे के छिपने में मदद की थी। वो विकास दुबे के लिए होटल बुक करने की कोशिश कर रहा था।
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यूपी पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि एसटीएफ ने विकास दुबे को मंगलवार रात हरियाणा के फरीदाबाद में बदरपुर बॉर्डर के पास एक होटल में छापा मारने के कुछ ही घंटे बाद अमर को गोली मार दी। अमर अरतारा गांव में छुपा हुआ था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से यह पता चला था कि विकास दुबे जैसा दिखने वाले व्यक्ति अपने दो अन्य साथियों के साथ फरीदाबाद के एक होटल में रुका था। फरीदाबाद की क्राइम ब्रांच की पुलिस के साथ मिलकर एसटीएफ के रेड से कुछ देर पहले वे वहां से निकल गए थे।
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उन्होंने कहा कि तीन संदिग्धों को बाद में फरीदाबाद से उठाया गया था, जिनकी पहचान पत्र का इस्तेमाल होटल के कमरे को बुक करने के लिए किया गया था।
उन्होंने कहा कि तीन संदिग्धों से मिली जानकारी के मुताबिक विकास दुबे उन तीन व्यक्तियों में से एक था जो होटल में रुके थे। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद और दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर छापे मारे गए थे।
गौरतलब है कि गत दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात करीब एक बजे गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला कर एक पुलिस क्षेत्राधिकारी, तीन दारोगा और चार कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी थी।
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