जुबिली स्पेशल डेस्क
देश में सीएए एक दिन पहले ही लागू कर दिया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सीएए को लागू कर दिया है। सीएए लागू होने के बाद मुस्लिम समुदाह में गहरी निराशा और गुस्सा है जबकि विपक्ष इस मामले पर केंद्र सरकार को घेर रहा है।
इतना ही नहीं ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार और केरल में सीएए नहीं लागू करने की बात सामने आ रही है लेकिन सीएए को लेकर गृह मंत्रालय की तरफ से एक बयान है।
इस बयान के सहारे मुस्लिम समुदाय को समझाने की कोशिश की गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून से मुस्लिम न घबराएं. इस कानून से भारतीय मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है. उनके पास हिंदुओं के समान ही अधिकार हैं।
इस मौके पर गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है कि ये स्पष्ट किया है कि सीएए कानून लागू होने से किसी भारतीय को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा।

गृह मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा है कि सीएए में किसी भी भारतीय की नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। इससे भारत में रह रहे 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं है, जिनके पास समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान ही अधिकार है।
कुल मिलाकर गृह मंत्रालय ने अपने बयान में मुस्लि समाज को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि वो परेशान न हो और किसी तरह के बहकावे में न आये। उनके अनुसार सीएए उन लोगों के लिए जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन गैर मुस्लिम शरणार्थी है। अब ये देखना होगा कि गृह मंत्रालय के इस ताजा बयान का मुस्लिम समुदाय पर क्या असर डालता।
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