जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पीएमएस डॉक्टरों के तबादले में भारी गड़बड़ी के संबंध में पीएमएस ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन, यूपी द्वारा महासचिव डॉ आर के सैनी के माध्यम से दायर याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार से जवाब माँगा है. अगली सुनवाई 26 जुलाई 2022 को होगी.
जस्टिस अलोक माथुर ने यह आदेश याची की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर तथा सरकारी अधिवक्ता को सुनने के बाद दिया. नूतन ने कोर्ट को बताया कि स्थानांतरण सत्र 2022-23 में सरकारी डॉक्टरों के तबादलों में भारी गड़बड़ी हुई है.

इसमें अधिकतम अवधि पूर्ण कर चुके डॉक्टरों का तबादला नहीं किया जाना, बिना अवधि पूर्ण किये डॉक्टरों का तबादला तथा डीजी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा बिना अधिकारिकता के लेवल 2, 3, 4 आदि के डॉक्टरों के तबादले शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्वयं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी आपत्ति जताई है. अतः याचिका में इन डॉक्टरों के तदाबले निरस्त करते हुए इसके लिए उत्तरदायित्व निर्धारित किये जाने तथा नए तबादले पूरी तरह तबादला नीति के अनुसार किये जाने की प्रार्थना की गयी है.
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