Wednesday - 10 January 2024 - 6:59 AM

महामारी से GST कलेक्शन पर पड़ा बुरा असर, इतना हुआ नुकसान

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नयी दिल्ली। कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ की कमी आने का अनुमान है और इसके मद्देनजर राज्यों को क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिये अगल- अलग विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की हुई 41वीं बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति मद के मात्र 65 हजार करोड़ के राजस्व मिलने की उम्मीद है, जबकि इस मद में तीन लाख करोड़ प्राप्त होने का अनुमान था।

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उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति राजस्व में आयी इस भारी कमी की पूर्ति के लिए बैठक पर कई सुझाव दिये गये, जिसमें क्षतिपूर्ति भुगतान की अवधि को जून 2022 से आगे बढ़ाना भी शामिल है। साथ ही उधारी लेकर इसकी पूर्ति करने पर भी विचार किया गया।

इसमें रिजर्व बैंक के माध्यम से राशि जुटाने पर भी चर्चा की गयी और सात दिनों के कार्यदिवस के भीतर इसको अंतिम रूप देकर फिर से परिषद की बैठक में चर्चा करने पर सहमति बनी है।

वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि केन्द्रीय राजस्व से क्षतिपूर्ति का भुगतान किये जाने के कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया गया है और ऑटार्नी जनरल ने स्पष्ट किया है केन्द्रीय राजस्व से इसका भुगतान नहीं किया जा सकता है।

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उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने अप्रैल से जुलाई तक जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में करीब 1.50 लाख करोड़ की कम वसूली हुई है। राज्यों को क्षतिपूर्ति राजस्व का द्विमासिक भुगतान किया जाता है और चालू वित्त वर्ष में दो किश्तों का भुगतान नहीं किया जा सका है।

उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर किसी भी वस्तु पर जीएसटी दर में बढ़ोतरी किये जाने पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई चाहे वह किसी भी श्रेणी के उत्पाद हो।

उल्लेखनीय है कि राज्यों विशेषकर कांग्रेस या उसके सहयोग से चलने वाली राज्य सरकारों ने करीब 1.45 लाख करोड़ क्षतिपूर्ति राजस्व का भुगतान नहीं किये जाने का मुद्दा उठाते हुए केंद्र से कोरोना के कारण उत्पन्न विषम परिस्थिति में यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति भुगतान की मांग की थी।

वहीं जीएसटी घटाने के सुझाव पर वित्त मंत्री ने कहा कि ये वास्तव में एक अच्छा सुझाव है, क्योंकि टू-व्हीलर न तो लग्जरी आइटम है और न ही नुकसानदेह आइटम। इस वक्त टू-व्हीलर पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है।

सीआईआई की तरफ से कहा गया कि वित्त मंत्री ने भरोसा दिया कि इंडस्ट्री की ओर से दिया गया ये एक बेहतर सुझाव है, इसलिए टू-व्हीलर की जीएसटी दरों में बदलने के बारे में सोचा जाएगा।

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