न्यूज डेस्क
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर बुधवार को बिपिन रावत ने कार्यभार संभाल लिया। जनरल बिपिन रावत को CDS के तौर पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे।
गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान CDS रावत के साथ थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर से पहले CDS रावत राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद रावत ने कहा,’तीनों सेनाएं एक टीम के तौर पर काम करेंगी। हमें एकीकरण को बढ़ाना होगा और बेहतर संसाधन प्रबंधन करना होगा।’ उन्होंने कहा कि हम किसी देश के सिस्टम को कॉपी नहीं करेंगे। एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा कि प्लान पूरी दुनिया को नहीं बताया जाता।
बिपिन रावत ने कहा कि CDS का काम तीनों सेनाओं को एकजुट बनाना, हम इसी ओर आगे बढ़ेंगे। अब आगे की कार्रवाई टीम वर्क की जरिए होगी, CDS सिर्फ सहयोग करेगा। 1+1+1 के जोड़ को 3 नहीं, 5 या 7 बनाएंगे। जो भी संसाधन हैं, उसपर काम करते हुए आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा पूरा फोकस तीनों सेनाओं को एक साथ करना होगा। इससे अलग जो काम हमें मिलेगा, हम उसपर आगे बढ़ेंगे। अगर सरकार ने तीन साल का कार्यकाल दिया है, तो कुछ सोच समझकर ही दिया होगा।
राजनीतिक झुकाव से जुड़े आरोप पर सीडीएस रावत ने कहा कि हम राजनीति से बहुत दूर रहते हैं। सत्ता में जो सरकार होती है उसके निर्देशों के अनुसार काम करना होगा। सीडीएस को सेवा के भीतर और तीन सेवाओं के बीच तटस्थ रहना होगा।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद जनरल रावत ने नेताओं के गलत बयानबाजी और उपद्रवियों का साथ देने पर तंज कसा था। उन्होंने कहा कि ‘नेता वे नहीं हैं जो हिंसा करने वाले लोगों का साथ देते हैं। छात्र विश्वविद्यालयों से निकलकर हिंसा पर उतर गए, लेकिन हिंसा भड़काना नेतृत्व करना नहीं है।’ उन्होंने कहा कि नेता वो नहीं है जो लोगों को अनुचित मार्ग दिखाए।
CDS नियुक्त किए गए रावतपूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया। सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाने के साथ ही देश की सैन्य ताकत को मजबूत करना होगा। सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी हुई।

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गौरतलब है कि जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था. वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। सेना प्रमुख बनने से पहले वह पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा था, ‘सरकार ने जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने का फैसला किया है, जो 31 दिसंबर से अगले आदेश तक प्रभावी होगा. जनरल रावत की सेवा अवधि 31 दिसंबर से तब तक के लिए बढ़ाई जाती है, जब तक वह सीडीएस कार्यालय में रहेंगे।’
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