जुबिली न्यूज डेस्क
तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को शनिवार के तड़के नंदयाल ज़िले में पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. आरके फ़ंक्शन हॉल में नायडू कैंप किए हुए थे जहां पर नंयदाल रेंज के डीआईजी रघुरामी रेड्डी और सीआईडी की टीम का भारी दल पहुंचा.

तड़के 3 बजे सुरक्षाबल उन्हें हिरासत में लेने पहुंचा. उस समय नायडू अपने समर्थकों के साथ आराम कर रहे थे. उन्हें हिरासत में लेने का टीडीपी के कार्यकर्ताओं के अलावा एसपीजी के सुरक्षा गार्डों ने भी विरोध किया क्योंकि नियम के तहत सुबह साढ़े पांच बजे तक उनसे कोई नहीं मिल सकता था.
स्किल डिवेलपमेंट मामले में गिरफ़्तार
आख़िरकार सुबह 6 बजे नायडू को उनके वाहन से निकालकर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया. डीआईजी ने उन्हें बताया कि उन्हें एपी स्किल डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन घोटाले में गिरफ़्तार किया जा रहा है जिसमें वो अभियुक्त नंबर वन हैं. इसके बाद उन्हें नोटिस थमा दिया गया.चंद्रबाबू नायडू के वकील ने कहा है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ का पता लगने के बाद सीआईडी सबसे पहले उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए लेकर गई है. हम उनकी ज़मानत के लिए हाई कोर्ट का रुख़ कर रहे हैं.
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कई एजेंसियों ने की घोटाले की गहन जांच
जीएसटी, इंटेलिजेंस, आईटी, ईडी और सेबी जैसी सरकारी एजेंसियों ने इस घोटाले की गहन जांच की है. अधिकारियों ने विदेशों में छिपाकर रखे गए लूटे गए धन को सफलतापूर्वक वापस ला दिया है. जून 2014 में चंद्रबाबू नायडू के सत्ता संभालने के दो महीने बाद ही यह घोटाला सामने आया था. विचाराधीन परियोजना की कुल लागत रु. 3,356 करोड़ है. जिसमें सरकार का योगदान 10 प्रतिशत है, जबकि सीमेंस 90 प्रतिशत फंडिंग के लिए प्रतिबद्ध है. इस घोटाले में एक प्रमुख पक्ष सीमेंस ने आंतरिक जांच की और एक मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक बयान दिया. सीमेंस ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी कंपनी की सरकार द्वारा जारी संयुक्त उद्यम (JVO) या एमओयू में कोई भागीदारी नहीं थी.
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