जुबिली स्पेशल डेस्क
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल एसआईटी ने शुक्रवार को गैंगरेप मामले में लंबी पूछताछ की है।
गौरतलब हो इस मामले में बीते एक अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। इतना ही नहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय को जब पूरी घटना की जानकारी हुई तो उसने देर किये बगैर प्रमुख सचिव को 17 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला ले लिया था।
इस पूरे मामले में एक अधिकारी की माने तो पूछताछ के लिए सुबह पुलिस लाइन लाया गया. उनसे करीब आठ तक पूछताछ की गई।
हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए उन्हें पिछले दरवाजे से पोर्ट ब्लेयर में पुलिस लाइन के अंदर ले जाया गया था। उस वक्त मौके पर एक प्रदर्शनकारी ने नारायण को ‘बलात्कारी’ बताते हुए एक तख्ती लिए हुए कहा, महिला के खिलाफ एक जघन्य अपराध किया गया था।

हम उसके लिए न्याय चाहते हैं। उधर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज फिर उनसे पूछताछ की जा सकती है।
क्या है पूरा मामला
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 21 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया कि उसे सरकारी नौकरी का वादा करके मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया और फिर वहां नारायण सहित शीर्ष अधिकारियों द्वारा रेप की घटना को अंजाम दिया गया है ।
पीड़िता ने श्रम आयुक्त आर एल ऋषि, एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक होटल मालिक पर भी रेप का आरोप लगाया था। इसके बाद एसआईटी का गठन किया और फिर जांच शुरू हुई है। जांच कर रही एसआईटी ने दावा किया था कि उसे मजबूत सबूत मिले।
कहा तो ये भी जा रहा है कि सबूतों के आधार पर दावा तो ये भी किया जा रहा है कि जितेंद्र नरायण के मुख्य सचिव रहते उनके आवास पर 20 से ज्यादा महिलाओं को लाया जाता था और उनके साथ यौन शोषण जैसा गंदा काम किया जाता था। इतना ही नहीं महिला का दावा है कि उसे सेक्शुअल फेवर के बदले सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था। लेकिन बाद में उसे धमकी दी गई कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया, जो अंजाम अच्छा नहीं होगा।
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