जुबिली न्यूज डेस्क
पटना। बिहार को जल्द ही एक बड़ी हवाई सुविधा मिलने जा रही है। राज्य सरकार ने दरभंगा एयरपोर्ट को बिहार का पहला पूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबंध में बिहार के मुख्य सचिव ने नागर विमानन मंत्रालय को पत्र लिखकर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल स्टेटस देने का अनुरोध किया है।

वर्तमान में बिहार में 24 एयरपोर्ट मौजूद हैं, लेकिन इनमें से एक भी हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है।
बिहार की हवाई कनेक्टिविटी को नई दिशा
राज्य सरकार हवाई सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
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सुल्तानगंज (भागलपुर) और
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लंदा (राजगीर)
में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
इसके अलावा पटना के बिहटा में नया एयरपोर्ट निर्माणाधीन है, जो राजधानी में बढ़ते एयर ट्रैफिक का दबाव कम करेगा।
पटना एयरपोर्ट का इंटरनेशनल टैग ‘कागज़ी’
पटना का जेपी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नाम में भले ही अंतरराष्ट्रीय हो, लेकिन पिछले दो दशकों से यहां से कोई नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालित नहीं हो रही है। 1999 में IC-814 हाईजैक मामले के बाद काठमांडू के लिए चलने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट बंद कर दी गई थी।
गया एयरपोर्ट जापान, थाईलैंड, श्रीलंका और म्यांमार जैसे देशों से सीधा जुड़ाव रखता है, लेकिन आधिकारिक तौर पर उसे भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा नहीं मिला है।
पटना एयरपोर्ट केवल ‘कस्टम एयरपोर्ट’
भारत में एयरपोर्ट को चार श्रेणियों—अंतरराष्ट्रीय, घरेलू, कस्टम और डिफेंस—में बांटा जाता है। पटना एयरपोर्ट अभी कस्टम एयरपोर्ट की श्रेणी में आता है, लेकिन यहां कस्टम और इमिग्रेशन दोनों विभागों के पद लंबे समय से खाली हैं, जिससे संचालन में कई तरह की सीमाएं बनी रहती हैं।
दरभंगा एयरपोर्ट को इंटरनेशनल बनाने की सबसे बड़ी कवायद – रनवे विस्तार
अंतरराष्ट्रीय दर्जा पाने के लिए दरभंगा एयरपोर्ट पर रनवे विस्तार सबसे अहम कदम है।
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वर्तमान रनवे लंबाई: 2743 मीटर
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प्रस्तावित विस्तार: 3657 मीटर
इसके लिए 244.60 करोड़ रुपये की लागत से 89.75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो रहा है।
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लॉजिस्टिक पार्क की भी योजना, व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
एयरपोर्ट के पास एक लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने की भी योजना है, जिससे
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कारोबारी गतिविधियाँ
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निर्यात-आयात
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औद्योगिक विकास
को बल मिलेगा। सरकार का मानना है कि दरभंगा के अंतरराष्ट्रीय बनने से मिथिला ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार की आर्थिक तस्वीर बदल सकती है।
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