जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नवंबर से विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान अब दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध कर रहे हैं।
किसान भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मध्य दिल्ली के जंतर मंतर पर गुरुवार को ‘किसान संसद’ का आगाज किया, जहां से संसद भवन कुछ ही दूरी पर है। इन दिनों संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है।

इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि अन्नदाता सबक सिखाना भी जानते हैं, इसलिए किसी को भुलावे में नहीं रहना चाहिए।
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शनिवार को टिकैत ने यह बात एक ट्वीट के जरिए कही। उन्होंने लिखा, “किसान संसद से किसानों ने गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे।”
किसान संसद से किसानों ने गूंगी -बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे ।#FarmersProtest #FarmersProtest_AtParliament
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) July 24, 2021
वहीं किसानों का कहना है कि, इस किसान संसद का मकसद यह दिखाना है कि अपने 600 लोगों की जान गंवाने के बाद भी उनका आंदोलन अब भी जारी है। अपने-अपने यूनियनों के झंडे हाथों में थामे 200 किसानों के एक समूह ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी मांगी।
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उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने सांसदों को एक सख्त संदेश देते हुए कहा कि किसान जानते हैं कि उनके मुद्दों को संसद में नहीं उठाने वालों की आवाज कैसे दबानी है और सांसदों के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी।
उन्होंने कहा, ”किसान जानते हैं कि संसद कैसे चलानी है। जो लोग संसद में बैठे हैं-चाहे वे विपक्षी नेता हों या सरकार के लोग हों, यदि वे हमारे मुद्दे नहीं उठाते हैं तो हम उनके निर्वाचन क्षेत्र में अपनी आवाज उठाएंगे।”
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