जुबिली न्यूज डेस्क
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं और पीछे हटने का तैयार नहीं है। वहीं केंद्र सरकार भी कानून को वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है। हालांकि संसद में बजट सत्र को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया।
सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी ने सभी पार्टी के नेताओं से कहा कि किसान और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है। उन्होंने कहा कि मैं नरेंद्र तोमर की बात दोहारना चाहूंगा। भले ही सरकार और किसान आम सहमति पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन हम किसानों के सामने विकल्प रख रहे हैं। वो इस पर चर्चा करें। किसानों और मेरे बीच बस एक कॉल की दूरी है।
वहीं दूसरी ओर सिंधू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान अभी भी जमे हुए हैं। वहीं पुलिस भी मोर्चा संभाले हुए है। इस बीच हरियाणा, पंजाब और यूपी से लगातार किसान दिल्ली बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पंजाब के हर गांव से लोग और ट्रैक्टर्स इस आंदोलन में शामिल हैं। गांव-गांव में लोगों से इस संबंध में अपील भी की जा रही है।
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गौरतलब है कि 26 जनवरी के दिन हुए ट्रैक्टर रैली के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि अब किसान आंदोलन कमजोर हो गया है। टीवी चैंनलों पर ऐसी खबर दिखाई जाने लगी कि अब जल्द ही किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आंशुओं ने पूरा पासा पलट दिया और किसान आंदोलन में फिर से नई जान फूंक दी।
थोड़ी देर में हजारों किसानों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहा हूँ! सरकार की हर साजिश का मुंह तोड़ जबाव देंगे ||#farmersrprotest #किसान_एकता_जिंदाबाद pic.twitter.com/4etFiDL0dt
— Abhay Singh Chautala (@AbhaySChautala) January 30, 2021
इसके बाद हरियाणा, पंजाब से लेकर यूपी तक के किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए घर से निकले गए। इतना ही नहीं हरियाणा की खाप पंचायतें और पंजाब के गुरुद्वारे भी किसानों की मदद के लिए आगे आए हैं। तीन दिन से जो किसान दिल्ली की सीमाओं से गांव वापसी कर रहे थे,वे अब फिर से आंदोलन की ओर वापसी कर रहे हैं।
शुक्रवार दोपहर से पंजाब और हरियाणा के किसानों का दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। शनिवार को भी भारी संख्या में किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन में जाना जारी है। शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर कथित स्थानीय लोगों और किसानों के बीच हुए हिंसक टकराव को देखते हुए किसानों के साथ खड़े होने के भारी संख्या में किसानों ने सिंघु बॉर्डर का रुख किया है।
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टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के लिए भी ट्रैक्टर-ट्राॅलियां का जाना जारी है। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर जो भीड़ कम होती जा रही थी। वह दोबारा फिर बढ़नी शुरू हो गई। शनिवार को भी पंजाब-हरियाणा से किसानों के काफिले दिल्ली की ओर गए।

सोनीपत में दहिया खाप,आंतिल चौबीसी की पंचायत में फैसला हुआ कि राशन-पानी के साथ दिल्ली जाएंगे। वहां लंगर सेवा भी चलाएंगे। दादरी में फौगाट खाप-19 ने गांव-गांव से दिल्ली कूच की बात कही। भाजपा-जेजेपी के नेताओं की एंट्री पर भी बैन लगा दिया। रोहतक में हुड्डा खाप प्रधान ओमप्रकाश हुड्डा की अध्यक्षता में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि जब तक सरकार मांग नहीं मानेगी, तब तक किसी मंत्री व सत्ताधारी विधायकों को हुड्डा खाप के गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा।
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दादरी से निर्दलीय विधायक सांगवान खाप के प्रधान सोमवीर सांगवान किसानों के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पंहुचे। आंदोलन में हर घर से एक-एक आदमी की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्रवान किया गया, ताकि आंदोलन को और मजबूती दी जा सके। शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सभी टोल पर अनशन जारी हैं।

इधर पंजाब से भी शनिवार को कई किसान जत्थेबंदियों के बैनर तले अलग-अलग गांवों से किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। किसान नेता डाक्टर दर्शन पाल की क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (उगराहा),भारतीय किसान यूनियन पंजाब, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के बैनर तले भी किसान रवाना हुए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह के गृह क्षेत्र पटियाला की कई ग्राम पंचायतों ने कर फैसला किया कि गांव के हर घर के एक सदस्य का दिल्ली धरने में शामिल होना जरूरी है और ऐसा न करने वाले परिवार पर 1500 रुपए जुर्माना लगेगा।
Punjab: Virk Khurd gram panchayat in Bathinda decides to send at least one member of each family to farmers' protest at Delhi borders for a week
"Those who won't go to protest will be fined Rs 1,500 & those not paying fine will be boycotted," says Sarpanch Manjit Kaur. (29.01) pic.twitter.com/XZ1n0az38B
— ANI (@ANI) January 30, 2021
इसकी पुष्टि करते गांव की सरपंच मनदीप कौर ने बताया कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद केंद्र सरकार आंदोलन खत्म करने की साजिश रच रही है। पंचायत ने फैसला किया है कि सभी लोग धरना दे रहे किसानों का डटकर साथ देंगे।
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सर्वसम्मति से हर घर के एक मेंबर का दिल्ली जाना और 1500 रुपए जुर्माना भरने का प्रस्ताव पास किया गया। गांव से जाने वाले लोग सब्जी और राशन भी लेकर जाएंगे। युवाओं की एक टीम गठित की है जो घर-घर से राशन और सब्जी जुटा रही है। दिल्ली किसान आंदोलन में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए गुरुद्वारों से सूचना जारी की जा रही है।
वहीं यूपी में भी भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी महापंचायत के बाद दिल्ली कूच करने का एलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि उनके साथ पश्चिमी यूपी से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर रूख करेंगे।
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