जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है। ऐसे में बीजेपी दोबारा सत्ता में वापसी का सपना देख रही है। बीजेपी का कुनबा लगातार मजबूत हो रहा है। चुनाव को देखते हुए योगी सरकार अपने मंत्रिमंडल विस्तार बहुत जल्द कर सकती है।
जानकारी मिल रही है कि सियासी और जातीय समीकरण को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार करने की तैयारी है। इसको लेकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व सीएम योगी ने कई बार बातचीत की है।
कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के चार दिवसीय यूपी दौरे के बाद योगी कैबिनेट का विस्तार करने की बात सामने आ रही है।
योगी की कैबिनेट में छह से सात नये मंत्री को मौका दिया जा सकता है।
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इतना ही नहीं ये नाम भी तय कर लिए गए है। इसमें सबसे बड़ा नाम है हाल में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद का। माना जा रहा है कि योगी की कैबिनेट में जितिन प्रसाद को भी जगह दी जा सकती है।

इसके आलावा कई और नाम है जो मंत्री बनने की रेस में शामिल है। उनमें तेजपाल नागरए पलटू राम, कृष्णा पासी, छत्रपाल गंगवार जैसे नेताओं का नाम शामिल है जिन्हें मंत्री बनाने की बात कही जा रही है।
दूसरी ओर बीजेपी आलाकमान ने तय किया है कि योगी कैबिनेट में 2 मंत्री पद सहयोगी दलों को दिया जा सकता है। हालांकि योगी कैबिनेट में पुराने चेहरों को बरकरार रखा जा सकता है।
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बीजेपी की पूरी कोशिश है कि वो ऐसे लोगों को कैबिनेट में शामिल करे जो जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के मामले में फिट बैठे। संभावित मंत्रियों की सूची भी इसी ओर इशारा कर रही है।
दरअसल ब्राह्मण समुदाय से जितिन प्रसाद को शामिल कर बीजेपी बड़ा दांव लगा सकती है जबकि दलित वोटरों को साधने के लिए पलटू राम और कृष्णा पासवान को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता।
बीजेपी ने कृष्णा पासी को इसलिए योगी कैबिनेट में जगह देना चाहती है ताकि वो पासी समुदाय को सरकार में प्रतिनिधित्व देकर बड़ा संदेश देना चाहती है।
बीजेपी चाहती है कि चुनाव से पहले सबकुछ तय हो जाये ताकि आगे उसे किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। अब देखना होगा कि योगी कैबिनेट का विस्तार कब होता है लेकिन योगी चाहते हैं कि चुनाव में उनकी दावेदारी मजबूत रहे इसलिए वो लगातार मेहनत कर रहे हैं और जनता के बीच जाकर अपनी सरकार की उपलब्धि बताने से भी नहीं चूक रहे हैं।
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