जुबिली न्यूज डेस्क
इटावा | उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। थाना बकेवर क्षेत्र के दान्दरपुर गांव में कथा वाचक मुकुटमणि और उनकी टीम के साथ जातिगत आधार पर अमानवीय व्यवहार किया गया। बताया जा रहा है कि भागवत कथा के दौरान गांववालों ने उनकी जाति पूछी, और जब पता चला कि वे यादव और अनुसूचित जाति से हैं, तो उनके साथ मारपीट, बाल कटवाने, नाक रगड़वाने और शुद्धिकरण जैसी अपमानजनक हरकतें की गईं।
जाति पूछने के बाद भड़के ग्रामीण
मुकुटमणि अपनी टीम के साथ कथा करने गांव पहुंचे थे। पहले दिन कलश स्थापना के बाद भोजन के दौरान किसी ने उनसे जाति पूछ ली। जैसे ही उन्होंने अपनी जाति बताई, कुछ ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वे कथावाचन के योग्य नहीं हैं। इसके बाद बात इतनी बढ़ गई कि कथावाचक और उनकी टीम को जबरन बाल कटवाने पड़े, नाक रगड़वाई गई और कथित तौर पर शुद्धिकरण भी कराया गया।
उत्तर प्रदेश –
जिला इटावा में कथावाचक मणि सिंह यादव की चोटी काटकर सिर मुंडवा दिया, महिला के पैर पर नाक रगड़वाई, हारमोनियम तोड़ दिया।
कथावाचक ने बताया- '21 से 27 जून तक भागवत कथा की बुकिंग थी। पहले ही दिन मुझसे मेरी जाति पूछी। मैंने यादव बताया तो मुझ पर दलित होने का आरोप लगाया।… pic.twitter.com/PLsIw5euFI
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) June 23, 2025
वायरल वीडियो से मचा हड़कंप
इस घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पुलिस महकमे और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। वीडियो में कथावाचक की बेइज्जती साफ दिखाई दे रही है। मामला जातीय भेदभाव से जुड़ा होने के कारण समाजवादी पार्टी ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की है।
सपा नेताओं ने की दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
सपा सांसद जितेन्द्र दोहरे, भरथना विधायक राघवेंद्र गौतम, जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य और अन्य सपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एसएसपी से मुलाकात की और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल जातीय भेदभाव का मामला है, बल्कि यह संविधान और मानवीय गरिमा के खिलाफ भी है।
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पुलिस ने शुरू की जांच, कार्रवाई का भरोसा
इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “वायरल वीडियो का संज्ञान लिया गया है। पीड़ित की ओर से तहरीर भी दी गई है। पूरे मामले की जांच एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में कराई जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” यह घटना न केवल जातीय भेदभाव की एक शर्मनाक तस्वीर पेश करती है, बल्कि समाज में फैली संकीर्ण मानसिकता पर भी सवाल उठाती है। प्रशासन और पुलिस पर अब दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने का दबाव है ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।