जुबिली न्यूज डेस्क
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में पिछले आठ दिनों से चल रहा ऑपरेशन कुलगाम शुक्रवार को भी जारी है। यह बीते दस वर्षों में सबसे लंबा चलने वाला एनकाउंटर बन गया है। सुरक्षाबलों ने अब तक तीन आतंकियों को मार गिराया है, जबकि दो से तीन आतंकियों के अभी भी इलाके में छिपे होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान अब तक सेना के 9 जवान घायल हो चुके हैं। लगातार चल रही कार्रवाई के चलते अकहाल गांव और आसपास के क्षेत्रों के अधिकांश निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।
सुरक्षाबलों का संयुक्त ऑपरेशन
कश्मीर में छिपे आतंकियों के सफाए के लिए पैरा फोर्स, सेना, सीआरपीएफ, तीन जिलों की पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से मोर्चा संभाले हुए हैं। इलाके में हेलीकॉप्टर, क्वाडकॉप्टर और हेक्साकॉप्टर के जरिए लगातार नजर रखी जा रही है, ताकि आतंकियों की हर हरकत पर निगरानी रखी जा सके।
मुश्किल बना पहाड़ी इलाका
जंगल और पहाड़ी क्षेत्र में देवदार के घने पेड़ों की आड़ में छिपे आतंकी लगातार अपनी पोजीशन बदल रहे हैं। इसके साथ ही वे ऊंचाई वाले इलाकों में छिपे हैं, जहां से वे सुरक्षाबलों की मूवमेंट पर आसानी से नजर रख पा रहे हैं। यही वजह है कि आतंकियों को पिनप्वाइंट करना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती साबित हो रहा है।
ऑपरेशन महादेव की कामयाबी का जिक्र
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले के तीन आतंकियों को मार गिराया था। इस कार्रवाई की जानकारी खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में दी थी। उन्होंने बताया था कि 22 अप्रैल को ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए आतंकियों के ठिकाने का पता चला था और तभी से उनकी घेराबंदी की योजना बनाई गई थी।
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कुलगाम में जारी यह लंबा ऑपरेशन इस बात का संकेत है कि घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ सुरक्षाबलों की सख्त कार्रवाई आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है।