जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। चुनाव आयोग (Election Commission of India) लगातार विपक्षी दलों के आरोपों और मतदाताओं की शंकाओं के बीच पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। पिछले 6 महीनों में आयोग ने 30 अहम बदलाव किए हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलाव वोटों की गिनती को लेकर है। अब EVM तभी खोली जाएगी जब पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो जाएगी।
अब बदलेगा वोटों की गिनती का नियम
पहले पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह 8 बजे से और EVM की गिनती 8:30 बजे से शुरू हो जाती थी। लेकिन अब आयोग ने साफ कर दिया है कि बैलट की गिनती पूरी होने से पहले किसी भी हालत में EVM नहीं खोली जाएगी। इसके अलावा अगर बैलेट पेपर ज्यादा होंगे तो काउंटिंग टेबल की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
चुनाव आयोग के 30 बड़े बदलाव
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पोलिंग स्टेशन पर मोबाइल रखने पर रोक, मोबाइल जमा करने की नई व्यवस्था।
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एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 वोटर ही होंगे।
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प्रत्याशी 100 मीटर दूर ही कैंप लगा सकेंगे।
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EVM पर प्रत्याशी की फोटो अब रंगीन और नाम बड़े अक्षरों में।
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मतदाता सूचना पर्ची (VIS) का नया डिजाइन।
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4 राज्यों में वोटर लिस्ट अपडेट।
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बीएलओ को पहचान पत्र जारी।
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808 गैर-मान्यता प्राप्त दलों को RUPP लिस्ट से हटाया।
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EVM की मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर की नई जांच प्रक्रिया।
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फॉर्म 17C और EVM डेटा में फर्क होने पर VVPAT की गिनती।
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बिहार में SIR के जरिए अवैध नाम हटाए, नए जोड़े।
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28 हितधारकों की भूमिका तय।
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चुनाव कर्मियों की सैलरी में इजाफा।
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ECINET पोर्टल लॉन्च, जिसमें 40+ ऐप्स और वेबसाइट एक जगह।
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चुनाव परिणाम के दिन हर 2 घंटे में रियल टाइम वोटर टर्न आउट।
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मतदान केंद्र पर लाइव प्रसारण।
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चुनावी डेटा पर आसान पहुंच के लिए डिजिटल इंडेक्स कार्ड।
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यूनिक EPIC के जरिए डुप्लीकेट हटाना।
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मृत वोटरों की जानकारी बीएलओ और ERO के पास।
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EPIC अब 15 दिन में उपलब्ध, SMS से सूचना।
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28,000 नेताओं और 5,000 बैठकों के जरिए संवाद।
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कानूनी सलाहकार और CEOs के साथ नेशनल लेवल बैठक।
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7,000 से ज्यादा BLO और पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग।
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मीडिया कोऑर्डिनेटर्स की स्पेशल ट्रेनिंग।
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बिहार में पुलिस अधिकारियों को चुनाव स्पेशल ट्रेनिंग।
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बायोमेट्रिक और ई-ऑफिस सिस्टम में सुधार।
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बिहार, तमिलनाडु, पुडुचेरी में BLAs को वोटर लिस्ट ट्रेनिंग।
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बैलेट पेपर की गिनती पूरी होने के बाद ही EVM खुलेंगी।
क्यों किए गए ये बदलाव?
चुनाव आयोग पर लगातार वोट चोरी, जबरन वोट डिलीट करने और गिनती में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। पारदर्शिता बढ़ाने और विपक्षी दलों के सवालों को कम करने के लिए आयोग ने ये सुधार किए हैं।