जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में कथित घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को फिर एक बड़ी कार्रवाई की गई. शहर के कई बड़े शराब कारोबारियों के आवास सहित अन्य ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है. इस दौरान अकेले हैदराबाद में ही 25 ठिकानों पर सेंट्रेल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की रेड पड़ी थी. इसके बाद 7 अक्टूबर को भी दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था.

ईडी का आबकारी नीति से जुड़ा धन शोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ नौकरशाहों को आरोपियों के तौर पर नामजद किया गया है. सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया (50), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण के दिल्ली स्थित आवास तथा सात राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापे मारे थे.
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जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर नई आबकारी नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में कथित घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. मुख्य सचिव ने गत 8 जुलाई को अपनी रिपोर्ट एलजी को भेजी थी, जिसमें उन्होंने पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति में लापरवाही बरतने के साथ गंभीर आरोप लगाए है.
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