जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार यानी 30 जनवरी को जम्मू में खत्म हो रही है। राहुल गांधी की इस भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस पार्टी फिर से अपने पैरों पर खड़ी होती हुई नजर आ रही है।
इतना ही नहीं राहुल गांधी की छवि भी पूरी तरह से बदली हुई नजर आ रही है। पहले राहुल गांधी को लेकर लोगों में उत्साह नहीं थी लेकिन उनकी भारत जोड़ो यात्रा में लोगों का पूरा समर्थन मिला है।
इसके आलावा राहुल गांधी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपनी मजदूत दावेदारी पेश करते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन विपक्ष के कुछ नेता राहुल गांधी के पीएम का चेहरा होने पर अपना समर्थन देने से इनकार कर रहे हैं।
उनमें ममता, अखिलेश और केसीआर जैसे बड़े नेताओं ने भले ही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ की हो लेकिन अभी तक राहुल गांधी के पीएम का चेहरा होने पर कोई समर्थन नहीं दिया है।

कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को 30 जनवरी के दिन जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होने जा रही है। इस दिन कांग्रेस विपक्षी नेताओं को एक मंच पर बुलाने के लिए विपक्षी दलों को न्यौता दिया था लेकिन कई विपक्षी दलों ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।
जानकारी मिल रही है सिर्फ 12 दलों के नेताओं के शाामिल होने की बात सामने आ रही है जबकि नौ दलों ने सुरक्षा का हवाला देकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से किनारा कर लिया है। उनमें टीएमसी, समाजवाटी पार्टी और केसीआर की बीआरएस पार्टी जैसी बड़ी पार्टी शामिल है। कांग्रेस ने 21 दलों को इस समारोह में आने का न्यौता दिया था लेकिन सिर्फ 12 दलों ने आने की बात कही है।
ये दल होंगे शामिल
एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), तेजस्वी यादव की अगुवा गु ई वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरेकी शिवसेना, सीपीआई (एम), सीपीआई विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), केरल कांग्रेस, फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), और शिबूसोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) श्रीनगर में समारोह में भाग लेंगे।
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