जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई: महाराष्ट्र में बीएमसी और स्थानीय निकाय चुनावों की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति गढ़ने में जुटे हैं। इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मराठी भाषा को लेकर एक बार फिर आक्रामक तेवर दिखाए हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक में साफ संदेश देते हुए कहा कि अब समय चुनावी तैयारी का है, गुटबाजी और आपसी मतभेद भुलाकर जीत की तरफ बढ़ने का है।
“पहले समझाओ, फिर मनसे वाला रवैया अपनाओ”
राज ठाकरे ने सोमवार को हुई पार्टी बैठक में कार्यकर्ताओं से मराठी भाषा के प्रति अधिक जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा:”बिना वजह किसी को मत मारो, पहले समझाओ। अगर कोई मराठी सीखना चाहता है, तो उसे सिखाओ। लेकिन अगर कोई अकड़ दिखाए, तो फिर उसी अंदाज़ में जवाब दो जैसा मनसे देता आया है।”उन्होंने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि ऐसे किसी भी मौके पर वीडियो न बनाएं ताकि पार्टी की छवि पर असर न पड़े।
उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत
राज ठाकरे ने बैठक में कहा कि अगर वो और उद्धव ठाकरे बीस साल बाद साथ आ सकते हैं, तो कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद क्यों? उन्होंने कार्यकर्ताओं से गठबंधन को लेकर चिंता न करने की बात कही और कहा:”गठबंधन किससे करना है, यह मैं तय करूंगा। समय आने पर उचित निर्देश दिए जाएंगे।”
बीएमसी पर दावा: “इस बार सत्ता हमारी”
राज ठाकरे ने दावा किया कि इस बार मुंबई महानगरपालिका (BMC) की सत्ता मनसे के हाथ में आएगी। उन्होंने पदाधिकारियों से वोटर लिस्ट पर विशेष काम करने और पुराने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने के निर्देश दिए।
अंदरूनी गुटबाजी पर चेतावनी
राज ठाकरे ने संगठन के भीतर गुटबाजी और ईर्ष्या को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा:”नए पदाधिकारियों का स्वागत करें, आपसी मतभेद खत्म करें और मिलकर जमीन पर काम करें। चुनाव नजदीक हैं, जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनें और उनका समाधान करें। यही असली राजनीति है।”
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राजनीतिक तापमान चढ़ा
मनसे प्रमुख की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब बीएमसी चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही हैं और सभी दल मराठी वोट बैंक को साधने में जुटे हैं। मनसे एक बार फिर मराठी अस्मिता की राजनीति को केंद्र में लाने की कोशिश कर रही है।