जुबिली स्पेशल डेस्क
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने के कारण अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा 66 से अधिक लोग बीमार हैं और अलग-अलग अस्पतालों में उनका इलाज जारी है।
प्रशासन ने शुरुआती जांच में बताया कि 3 मौतें सीधे दूषित पानी के कारण हुई हैं, जबकि 5 लोगों की मौत कार्डियक अटैक से हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले की संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की।
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को लेकर सरकार और भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि इंदौर में दूषित पानी पीने से लोगों की जान जाना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है, और सरकार की लापरवाही निर्दोष लोगों की जान ले रही है।
भागीरथपुरा इलाके में उल्टी-दस्त, पेट दर्द और कमजोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं। करीब 2,000 लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की 25 से 30 टीमें घर-घर सर्वे कर रही हैं और अब तक 1,100 से अधिक घरों में पानी की जांच की जा चुकी है। प्रभावित लोगों को उबालकर पानी पीने की सलाह दी गई है। पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, रिपोर्ट 48 घंटे में आने की संभावना है।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए जोनल अधिकारी शालिग्राम शितोले और प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर (पीएचई) योगेश जोशी को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा तीन सदस्यों की जांच समिति बनाई गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतकों में नंद लाल पाल, तारा बाई, उमा कोरी, गोमती रावत, सीमा प्रजापति, मंजूलता दिगंबर वाढे, उर्मिला यादव और संतोष बिचौलिया शामिल हैं।
यह घटना इंदौर के लोगों के लिए बड़ा झटका है और प्रशासन मामले की गंभीरता से निपट रहा है।
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