
न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के पीएफ में हुए घोटाले में पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अपना शिकंजा कस दिया है। ईओडब्लू ने मंगलवार को यूपीपीसीएल पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। इस घोटाले में अब तक यह तीसरी गिरफ्तारी है।
मालूम हो कि ईओडब्लू 2268 करोड़ के पीएफ घोटाले की जांच में जुटी है। इस घोटाले की यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
गौरतलब है कि एपी मिश्रा को पूर्व में समाजवादी पार्टी सरकार का बेहद खास चेहरा माना जाता है। ए पी मिश्रा अखिलेश सरकार के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। जब वह यूपीपीसीएल के एमडी थे तो उस दौरान उन्होंने एक किताब लिखी थी जिसका विमोचन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टीम सोमवार देर रात से ही अयोध्या प्रसाद मिश्रा के गोमतीनगर व अलीगंज के आवास और दफ्तर पर नजर बनाए हुए थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एपी मिश्रा को पुलिस ने सोमवार देर रात ही हिरासत में ले लिया था, और पूछताछ की जा रही थी।
फिलहाल अज्ञात स्थान पर एपी मिश्रा से अफसर पूछताछ कर रहे हैं। गिरफ्तार एपी मिश्रा को आज किसी भी वक्त कोर्ट में पेश किया जा सकता है।
गौरतलब है कि इस घोटाले में इससे पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गौरतलब है कि ईओडब्लू 2268 करोड़ का पीएफ घोटाले की जांच में जुटी है।
एमडी अपर्णा पर गिरी गाज
योगी सरकार ने सोमवार को पावर कॉरपोरेशन की एमडी अपर्णा को भी हटा दिया है। एम देवराज को नया एमडी नियुक्त किया गया है। ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में पता चला है कि पीएफ के निवेश के लिए कोई टेंडर नहीं हुआ था। महज कोटेशन के जरिए डीएचएफएल में 2,268 करोड़ रुपये लगा दिए गए थे।
सोमवार को ईओडब्ल्यू की टीम शक्ति भवन स्थित यूपी स्टेट पावर सेक्टर एंप्लॉयीज ट्रस्ट के दफ्तर भी पहुंची। टीम ने यहां से फाइलों के 16 बंडल कब्जे में लिए। मामले में आरोपित सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता के जेल में बयान भी दर्ज किए गए। ईओडब्ल्यू ने आरोपियों की कस्टडी रिमांड लेने के लिए अर्जी डाल दी है।
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