जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: न्यू ईयर ईव से ठीक पहले आज यानी 31 दिसंबर को देशभर में गिग वर्कर्स स्ट्राइक का ऐलान किया गया है। इस हड़ताल में Swiggy, Zomato, Amazon, Flipkart समेत सभी ऐप आधारित डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स से जुड़े गिग वर्कर्स शामिल हैं। ऐसे में नए साल की पार्टी के लिए खाना ऑर्डर करना और ऑनलाइन डिलीवरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। गिग वर्कर्स उचित वेतन, सुरक्षा, तय काम के घंटे और बेहतर कार्य स्थितियों की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।

देशभर में ऐप ऑफ रखेंगे गिग वर्कर्स
इंडियन फेडरेशन ऑफ एप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर (IFAT) के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन ने बताया कि आज देशभर में गिग वर्कर्स सभी ऐप आधारित प्लेटफॉर्म्स को ऑफ रखेंगे और प्रमुख स्थानों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। ऑनलाइन डिलीवरी करने वाले श्रमिकों को ही गिग वर्कर्स कहा जाता है।
25 दिसंबर की चेतावनी के बाद भी नहीं हुई बातचीत
शेख सलाउद्दीन ने कहा कि 25 दिसंबर को सांकेतिक हड़ताल कर कंपनियों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन:
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न तो कंपनियों ने बातचीत की
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न ही सुरक्षा नियम तय किए गए
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न काम के घंटे निर्धारित किए गए
इसी कारण 31 दिसंबर को दोबारा हड़ताल का फैसला लिया गया। उन्होंने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
‘इंसेंटिव हासिल करना हुआ मुश्किल’
IFAT के अनुसार:
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प्रति ऑर्डर मिलने वाला भुगतान घटाया गया है
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दूरी और समय के आधार पर मिलने वाला मुआवजा कम कर दिया गया
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इंसेंटिव नियमों को मनमाने तरीके से बदला गया
इसका नतीजा यह हुआ है कि गिग वर्कर्स को कम कमाई के लिए ज्यादा काम करना पड़ रहा है।
‘एल्गोरिथम के जरिए शोषण’ का आरोप
शेख सलाउद्दीन ने आरोप लगाया कि:
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10 मिनट डिलीवरी मॉडल से अत्यधिक दबाव बढ़ा
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तेज वाहन चलाने से दुर्घटनाओं का खतरा
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लंबे समय तक काम करने से मानसिक तनाव
उन्होंने कहा कि गिग वर्कर्स मशीन नहीं हैं, लेकिन इंसेंटिव पाने के लिए उन्हें 10-10 घंटे तक काम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
न्यू ईयर पर ग्राहकों को क्या असर पड़ेगा?
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फूड डिलीवरी में देरी या कैंसिलेशन
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ई-कॉमर्स ऑर्डर की डिलीवरी प्रभावित
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न्यू ईयर ईव पार्टी प्लान पर असर
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