जुबिली न्यूज डेस्क
राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद पुलिस और जांच एजेंसियां मामले की तह तक पहुँचने में जुटी हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस कार में धमाका हुआ, उसमें डॉक्टर उमर नबी सवार थे, जो फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे।

सूत्रों के मुताबिक, इस धमाके में 5 डॉक्टरों की एक गैंग शामिल थी, जिनके नाम हैं:
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डॉक्टर उमर नबी
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डॉक्टर मुजम्मिल शकील
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डॉक्टर शाहीन शाहिद
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डॉक्टर आदिल अहमद राठर
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डॉक्टर मोहिउद्दीन अहमद
डॉक्टर मुजम्मिल शकील का खुलासा
जम्मू-कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कुछ दिन पहले डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया था। उनके कमरे से लगभग 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, एके-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ था। पुलिस के मुताबिक, अमोनियम नाइट्रेट को उन्होंने आठ बड़े और चार छोटे सूटकेस में छुपा रखा था।
अन्य डॉक्टरों की भूमिका
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डॉ. आदिल अहमद राठर: यूपी के सहारनपुर में मेडिसिन विशेषज्ञ, जिन पर पहले जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने का आरोप लगा था।
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डॉ. शाहीन शाहिद: लखनऊ की डॉक्टर, मुजम्मिल शकील की करीबी, जिनकी गाड़ी से हथियार बरामद हुए।
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डॉ. मोहिउद्दीन अहमद: अहमदाबाद में गिरफ्तार, चीन से MBBS की डिग्री, इस्लामिक स्टेट खुरासान से कनेक्शन और आरंडी तेल से जहर तैयार करने का प्रयास।
धमाका करने वाली कार में डॉक्टर उमर
डॉ. उमर नबी पुलवामा के रहने वाले हैं और दिल्ली में अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे। पुलिस और जांच एजेंसियों के मुताबिक, वह डॉ. आदिल का करीबी सहयोगी था और धमाके में मास्टरमाइंड की भूमिका निभा सकता है। पुलिस ने उनके परिवार और परिचितों से पूछताछ शुरू कर दी है।
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आगे की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस, फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें संयुक्त जांच कर रही हैं। कल फरीदाबाद में बड़ी मात्रा में जैश से जुड़े मॉड्यूल और अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ। पुलिस को शक है कि जिस आई-20 कार में धमाका हुआ, उसमें फरार संदिग्ध डॉक्टर उमर ही सवार थे। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माना जा रहा है और जांच अभी जारी है।
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