न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। पूर्व रक्षा मंत्री और बीजेपी के दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर को सम्मान प्रदान करते हुए केन्द्र सरकार ने सरकारी थिंक टैंक रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (IDSA) को उनके नाम से जोड़ दिया है।
अब यह संस्थान ‘मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान’ के नाम से जाना जाएगा। पर्रिकर 9 मार्च 2014 से लेकर 14 मार्च 2017 तक रक्षा मंत्री रहे थे। पिछले साल 17 मार्च को कैंसर से उनका निधन हो गया था।
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मंगलवार को जारी एक सरकारी बयान में बताया गया कि सरकार ने फैसला किया है कि रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान का नाम अब मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान किया जाए।
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यह फैसला स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर की विरासत और उनकी प्रतिबद्धता के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए किया गया है। पूर्व रक्षामंत्री और पद्मभूषण से सम्मानित मनोहर पर्रिकर के योगदान और उनके दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इस प्रमुख रक्षा संस्थान को दिशा दी जाएगी।
गोवा के यशस्वी मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर को उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए हमेशा याद किया जाता रहा है। स्व. पर्रिकर 09 नवंबर 2014 से 14 मार्च 2017 तक भारत के रक्षामंत्री भी रहे।
जब वे भारत के रक्षामंत्री थे, तब उन्होंने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने, स्वदेशी रक्षा निर्माण को प्रोत्साहन देने और पूर्व सैनिकों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया था। ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग पूर्व सैनिक लंबे समय से करते आ रहे थे जिसे लागू करने में पर्रिकर ने अहम योगदान दिया था।
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